अंडमान द्वीपसमूह में फंसे ज्यादातर पर्यटक पोर्ट ब्लेयर लाए गए
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अंडमान द्वीपसमूह में फंसे ज्यादातर पर्यटक पोर्ट ब्लेयर लाए गए

सात पोतों और छह हेलीकॉप्टरों के एक बेड़े ने चक्रवाती मौसम के कारण सोमवार से ही अंडमान के दो द्वीपों में फंसे 1,400 पर्यटकों में से ज्यादातर को सुरक्षित बाहर निकाल लिया है।

पोर्ट ब्लेयर : सात पोतों और छह हेलीकॉप्टरों के एक बेड़े ने चक्रवाती मौसम के कारण सोमवार से ही अंडमान के दो द्वीपों में फंसे 1,400 पर्यटकों में से ज्यादातर को सुरक्षित बाहर निकाल लिया है।

अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि सुबह के वक्त मौसम साफ होने पर नौसेना, तटरक्षक बल, वायुसेना और केंद्रशासित प्रदेश प्रशासन ने एक संयुक्त बचाव अभियान शुरू किया और हैवलॉक एवं नील द्वीपों पर फंसे ज्यादातर पर्यटकों को वहां से पोर्ट ब्लेयर लेकर आए।

अंडमान-निकोबार द्वीपसमूह के एक अधिकारी ने बताया, ‘बाकी पर्यटकों को शुक्रवार रात तक यहां लाने का काम हो जाएगा। सभी सुरक्षित हैं और उनका ख्याल रखा जा रहा है।’ अधिकारी ने कहा कि वायुसेना के तीन एमआई-17वी-5 सैन्य परिवहन हेलीकॉप्टर और केंद्रशासित प्रदेश प्रशासन के तीन पवन हंस हेलीकॉप्टरों के साथ-साथ नौसेना एवं प्रशासन के सात पोत द्वीपों के बीच लगातार आवाजाही कर अभियान चला रहे हैं।

यहां से करीब 40 किलोमीटर दूर हैवलॉक और नील द्वीप अंडमान-निकोबार द्वीपसमूह के बेहद मशहूर पर्यटक स्थल हैं। मूसलाधार बारिश, समुद्र में उठ रही ऊंची-ऊंची लहरों और तेज हवाओं के कारण न तो विमान और न ही पोत चल सकते थे, जिससे सैकड़ों पर्यटक इन द्वीपों पर फंस गए थे।

मौसम विभाग के अनुसार, पोर्ट ब्लेयर से 250 किलोमीटर दूर पश्चिम-उत्तरपश्चिम में मौजूद चक्रवाती तूफान ‘वरदा’ के देर रात एक विनाशकारी चक्रवात का रूप लेने की पूरी आशंका है।

अंडमान-निकोबार द्वीपसमूह के उप-राज्यपाल जगदीश मुखी ने कहा कि खराब मौसम के कारण कोई अप्रिय घटना नहीं हुई और न ही जानमाल का नुकसान हुआ है। एक अधिकारी ने बताया, ‘हम सभी पर्यटकों को विमान की उड़ान के समय के मुताबिक पोर्ट ब्लेयर से उन्हें उनके घर भेज रहे हैं। हमने यहां उनके रहने का भी इंतजाम किया है।

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