रक्षा मंत्रालय ने सेना के तीनों अंगों के लिए 12,280 करोड़ रुपये की लागत से 7.40 लाख असाल्ट राइफलें खरीदने की मंजूरी दे दी है.
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नई दिल्ली: रक्षा मंत्रालय ने सेना के तीनों अंगों के लिए 12,280 करोड़ रुपये की लागत से 7.40 लाख असाल्ट राइफलें खरीदने की मंजूरी दे दी है. आंतवाद और घुसपैठ को रोकने के लिए सेना को अत्याधुनिक हथियारों से लैस किया जाएगा. रक्षा मंत्रालय ने इसके लिए लगभग 16 हजार करोड़ रुपये की मंजूरी दी है.
हथियारों के 16 हजार करोड़
रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में रक्षा खरीद परिषद (डीएसी) की बैठक में यह फैसला किया गया. बैठक में फैसला लिया गया कि रक्षा मंत्रालय 1,819 करोड़ रुपये की लागत से लाइट मशीन गनों खरीदेगा. इसके अलावा 982 करोड़ रुपये की लागत से 5,719 स्नाइपर राइफलें खरीदने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई. सीमा पर तैनात जवानों के लिए 12280 करोड़ की लागत से असाल्ट राइफलें भी खरीदी जाएंगी. अधिकारियों ने बताया कि 7.40 लाख असाल्ट राइफलें भारत में ही बनाई जाएंगी. स्नाइपर राइफलें विदेश से ही खरीदी जाएंगी.
रक्षा मंत्री ने किया जम्मू का दौरा
रक्षा मंत्रालय ने यह फैसला जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों द्वारा सेना पर लगातार किए जा रहे हमलों को देखते हुए लिया है. शनिवार 10 फरवरी को जम्मू के सुंजवान आर्मी कैंप पर हमले में सेना के 6 जवान शहीद हुए थे. इस हमले में 10 लोग भी घायल हुए. सोमवार को रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने जम्मू का दौरा किया और वहां सुंजवान में सेना द्वारा आतंकवादियों के खिलाफ की गई कार्रवाई का जायजा लिया. वे अस्पताल में भर्ती घायल लोगों से मिलने के लिए भी गईं. रक्षा मंत्री ने राज्य के हालात पर मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती से भी मुलाकात की.
Defence Acquisition Council, chaired by Defence Minister Nirmala Sitharaman, accorded approval to Capital Acquisition Proposals of the Services valued at approximately Rs 15,935 crore.
— ANI (@ANI) 13 फ़रवरी 2018
सुंजवान हमले में पाकिस्तान का हाथ
अपने दौरे पर उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए बताया था कि सुंजवान हमले में पाकिस्तान का हाथ होने के पुख्ता सबूत मिले हैं. उन्होंने पाकिस्तान को चेताया कि उसे इसका भुगतान कराना होगा. रक्षा मंत्री ने कल ही संकेत दे दिए थे कि सेना में सुरक्षा के लिए और पुख्ता इंतजाम किए जाएंगे. इसके एक दिन बाद ही आज मंगलवार को उन्होंने दिल्ली में अत्याधुनिक हथियारों की खरीद की घोषणा भी कर दी.
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11 से नहीं खरीदे गए हथियार
सूत्र बताते हैं कि सशस्त्र बलों ने 11 साल पहले ही आधुनिक हथियारों की मांग की थी. हमारे सैनिक 1988 से एके-47, स्वदेशी INSAS (इंसास) तथा अन्य छोटी राइफलें इस्तेमाल कर रहे हैं. सीमा पर तैनात जवानों को दुश्मन से टक्कर लेने के लिए अत्याधुनिक हथियारों से लैस करने की मांग लंबे समय से थी. सरकार ने नेवी के लिए आधुनिक टारपीडो डेकॉय सिस्टम खरीदने की मंजूरी दी है. यह सिस्टम हमले के लिए आने वाले टारपीडो का पता लगाने और उस पर निशाना लगाने के लिए इस्तेमाल होता है.