भाजपा और संघ नेताओं की बैठक में कई विषयों पर हुई चर्चा
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भाजपा और संघ नेताओं की बैठक में कई विषयों पर हुई चर्चा

भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शीर्ष नेताओं की सोमवार को बैठक हुई जिसमें नए भूमि अधिग्रहण विधेयक, देश की मौजूदा राजनीतिक स्थिति और जम्मू कश्मीर में गठबंधन सरकार से जुड़े विवादों सहित कई विषयों पर विचार-विमर्श किया गया।

नई दिल्ली : भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शीर्ष नेताओं की सोमवार को बैठक हुई जिसमें नए भूमि अधिग्रहण विधेयक, देश की मौजूदा राजनीतिक स्थिति और जम्मू कश्मीर में गठबंधन सरकार से जुड़े विवादों सहित कई विषयों पर विचार-विमर्श किया गया।

ये नेता यहां परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने निवास पर मिले जिसमें दिल्ली विधानसभा चुनावों में भाजपा की बुरी तरह पराजय के साथ बिहार जैसे राज्यों में पार्टी की स्थिति के बारे में विचार विमर्श हुआ, जहां इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं।

अपराहन 3 बजे शुरू हुई इस बैठक में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, महासचिव राम लाल, राम माधव, केन्द्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, सुषमा स्वराज, अरूण जेटली और गडकरी उपस्थित थे।

संघ की ओर से इसमें महासचिव सुरेश भैयाजी जोशी, संयुक्त महासचिव कृष्ण गोपाल और सुरेश सोनी शामिल हुए। संघ के नेताओं ने बैठक को ‘सामान्य’ बताया हालांकि सूत्रों ने कहा कि इस बैठक में सरकार, भाजपा और संघ के बीच बेहतर तालमेल सुनिश्चित करने पर विचार किया गया।

पार्टी और संघ नेताओं के बीच ऐसी पिछली बैठक इसी जगह दिसंबर में हुई थी।

भाजपा महासचिव राम माधव ने बैठक को ‘नियमित ’ बताते हुए कहा कि संघ के नेता समय समय पर महत्वपूर्ण मुद्दों पर बातचीत करते हैं। उन्होंने हालांकि कहा कि आज की बैठक में भूमि अधिग्रहण विधेयक पर कोई चर्चा नहीं हुई।

बैठक के बाद माधव ने संवाददाताओं से कहा, ‘महत्वपूर्ण मामलों पर समय समय पर संघ और भाजपा के बीच होती रही हैं। यह एक नियमित बैठक थी जिसमें नियमित मामलों पर चर्चा हुई। ऐसी बैठकों में विचारों का सामान्य तौर पर आदान प्रदान होता है।’ माधव ने कहा, ‘अंतरराष्ट्रीय योग दिवस समारोह विश्वभर में मनाया जायेगा और एक बडा कार्यक्रम भारत में आयोजित किया जायेगा और इस पर चर्चा हुई। दीन दयाल उपाध्याय की जन्म शताब्दी को लेकर भी कुछ चर्चा हुई।’

उन्होंने कहा, ‘इसके अलावा यह अंबेडकरजी की भी 125वीं जयंती है और हमने आयोजित होने वाले कार्यक्रमों पर चर्चा की। गंगा पर सरकार की योजनाओं पर भी कुछ चर्चा हुई।’ अल्पसंख्यकों के धार्मिक स्थलों पर हमलों के चलते अल्पसंख्यकों में भय की भावना पर पूछे गये सवाल पर उन्होंने कहा, ‘किसी में भय नहीं है। अल्पसंख्यकों सहित देश में सभी सुरक्षित हैं। केन्द्र और राज्य सरकारें अल्पसंख्यकों और समाज के अन्य सदस्यों की सुरक्षा के लिये जिम्मेदार हैं। दोनों देश के सभी नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगी।’

 

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