'1984 में हुए सिख विरोधी दंगों का चेहरा है सज्जन कुमार': अरुण जेटली
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'1984 में हुए सिख विरोधी दंगों का चेहरा है सज्जन कुमार': अरुण जेटली

1984 से बड़ा नरसंहार आज तक इस देश में नहीं हुआ है. कांग्रेस पार्टी इस केस को कवरअप करने की पूरी कोशिश की है.

फोटो साभारः ANI

नई दिल्लीः 1984 सिख विरोधी दंगा मामले में कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को दोषी ठहराए जाने के मामले परवित्त मंत्री अरुण जेटली ने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला है. मध्य प्रदेश के भावी मुख्यमंत्री कमलनाथ पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि 'यह विडंबना है कि यह फैसला उस दिन आया है जब सिख समाज जिस दूसरे नेता को दोषी मानता है, कांग्रेस उसे मुख्यमंत्री पद की शपथ दिला रही है. 1984 से बड़ा नरसंहार आज तक इस देश में नहीं हुआ है. कांग्रेस पार्टी इस केस को कवरअप करने की पूरी कोशिश की है.'

वित्त मंत्री ने आगे कहा कि 'कांग्रेस ने इस मामले को छिपाने की पूरी कोशिश की, लेकिन यह पाप कांग्रेस के सिर से कभी नहीं हट सकता. आप हज़ारों लोगो को मरवा दे और माफ़ी मांग ले, ऐसा कैसे हो सकता है. अटल जी की सरकार ने पहली बार इस मामले में कमेटी का गठन किया. मोदी जी ने मामले की जांच के लिए SIT का गठन किया ताकि उन लोगों को इंसाफ मिल सके जिन्हें बिना किसी गलती के इतने दुख देखने पड़े.'

इंदिरा गांधी की हत्या के बाद भड़की थी हिंसा
बता दें वर्ष 1984 में 31 अक्टूबर को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके सुरक्षा कर्मियों द्वारा हत्या के बाद सिख विरोधी दंगे भड़क गए थे. यह मामला दिल्ली छावनी क्षेत्र में पांच सिखों की हत्या से जुड़ा था. दिल्ली कैंट के राजनगर इलाके में पांच सिखों केहर सिंह, गुरप्रीत सिंह, रघुविंदर सिंह, नरेंद्र पाल सिंह और कुलदीप सिंह की हत्या कर दी गई थी. शिकायतकर्ता और प्रत्यक्षदर्शी जगदीश कौर केहर सिंह की पत्नी और गुरप्रीत सिंह की मां थीं. रघुविंदर, नरेंदर और कुलदीप उनके और मामले के एक अन्य गवाह जगशेर सिंह के भाई थे.

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