गोडसे मुद्दे पर लोकसभा में विपक्ष ने किया हंगामा, साक्षी महाराज ने जताया खेद
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गोडसे मुद्दे पर लोकसभा में विपक्ष ने किया हंगामा, साक्षी महाराज ने जताया खेद

बीजेपी सांसद साक्षी महाराज के नाथूराम गोडसे को देशभक्‍त बताने वाले पर बयान पर विपक्षी दलों ने शुक्रवार को संसद में जमकर हंगामा किया। गांधी की हत्या करने वाले गोडसे को देशभक्त कहने पर कांग्रेस, टीएमसी समेत अन्‍य विपक्षी दल बिफर गई। गोडसे मुद्दे पर विपक्ष के हंगामे के कारण लोकसभा की कार्यवाही आज सुबह कुछ देर के लिए स्थगित भी की गई। वहीं, भाजपा नेता साक्षी महाराज ने गोडसे के बारे में की गई अपनी विवादास्पद टिप्पणी के लिए लोकसभा में आज खेद जताया।

गोडसे मुद्दे पर लोकसभा में विपक्ष ने किया हंगामा, साक्षी महाराज ने जताया खेद

नई दिल्‍ली : बीजेपी सांसद साक्षी महाराज के नाथूराम गोडसे को देशभक्‍त बताने वाले पर बयान पर विपक्षी दलों ने शुक्रवार को संसद में जमकर हंगामा किया। गांधी की हत्या करने वाले गोडसे को देशभक्त कहने पर कांग्रेस, टीएमसी समेत अन्‍य विपक्षी दल बिफर गई। गोडसे मुद्दे पर विपक्ष के हंगामे के कारण लोकसभा की कार्यवाही आज सुबह कुछ देर के लिए स्थगित भी की गई। वहीं, भाजपा नेता साक्षी महाराज ने गोडसे के बारे में की गई अपनी विवादास्पद टिप्पणी के लिए लोकसभा में आज खेद जताया।

कांग्रेस सांसदों ने साक्षी महाराज के बयान का जमकर विरोध किया और संसद भवन परिसर में बने महात्मा गांधी की मूर्ति के आगे धरना दिया। कांग्रेसी सांसदों ने अपने धरने में ‘हे राम, हे राम, गांधी के कातिल को सम्मान’ जैसे नारे लगाए। जिसके बाद लोकसभा में आज साक्षी महाराज ने गोडसे को लेकर दिए गए अपने बयान को वापस ले लिया। कांग्रेस ने इस बयान को लेकर माफी की मांग की।

भाजपा सांसद साक्षी महाराज द्वारा महाराष्ट्र में एक समारोह के दौरान महात्मा गांधी की हत्या के दोषी नाथूराम गोडसे को महिमामंडित करने के मुद्दे पर शुक्रवार को लोकसभा में कांग्रेस समेत एकजुट विपक्ष के दबाव पर साक्षी महाराज ने सदन में खेद जताया। इस मुद्दे पर विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही आज सुबह कुछ देर के लिए स्थगित भी करनी पड़ी। हंगामे के बीच भाजपा सदस्य साक्षी महाराज ने नाथूराम गोडसे के बारे में की गई अपनी विवादास्पद टिप्पणी के लिए खेद प्रकट करते हुए कहा कि वह अपने शब्द वापस लेते हैं और इसके लिए देश और सदन के समक्ष खेद प्रकट करते हैं।

सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, जदयू, राजद, वामदल समेत कुछ अन्य विपक्षी सदस्यों ने इस विषय को उठाया और भाजपा सदस्य से देशवासियों से माफी मांगने की मांग की। विपक्षी सदस्यों ने इस विषय पर कार्यस्थगन का नोटिस भी दिया था। अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि उन्हें कौशलेन्द्र कुमार और के सी वेणुगोपाल का नोटिस मिला है। लेकिन प्रश्नकाल स्थगित नहीं किया जा सकता। इस विषय को किसी अन्य अवसर पर उठाये।

सदन में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खडगे ने कहा कि हम यहां देशभक्ति की बात करते हैं और एक सदस्य ने देश के लिए इतना त्याग करने वाले महात्मा गांधी की हत्या में शामिल गोडसे के बारे में जो कहा, वह देश की जनता का अपमान है। इसके बाद कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस समेत कुछ अन्य विपक्षी सदस्य अध्यक्ष के आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भी इस मुद्दे पर नारेबाजी करते देखा गया। सदस्य ‘गांधी के हत्यारे को दिया सम्मान, हे राम, हे राम के नारे लगा रहे थे।

संसदीय कार्य मंत्री एम वेंकैया नायडू ने कहा कि सदस्य ने जो कहा है, उसका कोई भी व्यक्ति समर्थन नहीं कर सकता। सरकार और भाजपा इसे स्वीकार नहीं करती है और इसकी निंदा करती है। कांग्रेस सदस्य हालांकि संसदीय कार्य मंत्री के जवाब से संतुष्ट नहीं हुए। इस पर वेंकैया ने कहा कि जो लोग हर दिन महात्मा गांधी (के विचारों) की हत्या कर रहे हैं, देश को उन लोगों की नियत का पता है। अगर सदन चाहे तो संबंधित सदस्य पश्चाताप करने को तैयार है। स्पीकर निर्देश देती हैं, तब वह पश्चाताप व्यक्त करेंगे। मंत्री ने कहा कि आपके (विपक्ष) पास कोई मुद्दा नहीं है। आपको यह शोभा नहीं देता है।

शोर शराबे से क्षुब्ध अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि कल से क्या पांच मिनट की अवधि माफी मांगने के लिए बना दूं ? रोज रोज कोई कुछ बोल रहा है। इसके बाद साक्षी महाराज ने कहा कि वह बापू और सदन दोनों का सम्मान करते हैं। उन्होंने कहा कि मैं अपनी बात वापस लेता हूं। कल जो बात हुई थी, उसे तत्काल वापस ले लिया था। महात्मा गांधी की हत्या गोडसे ने की होगी लेकिन महात्मा गांधी के विचारों की हत्या 1984 में हुई थी जब सिखों को मारा गया था। इस पर कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी सदस्य इसका विरोध करते हुए एक बार फिर से अध्यक्ष के आसन के समीप आ गए और उनसे देश से माफी मांगने की मांग करने लगे।

अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि सदस्य शांत रहेंगे तब वह उनसे (साक्षी) संवाद कर सकेंगी क्योंकि उन्हें शोर शराबे के कारण कुछ सुनाई नहीं दे रहा है। इसके बाद साक्षी महाराज ने एक बार फिर कहा कि मैं अपने शब्द वापस लेता हूं और अगर किसी को चोट पहुंची है तो खेद प्रकट करता हूं। लेकिन विपक्षी सदस्य ‘देश से माफी’ मांगने से कम कुछ भी स्वीकार करने को तैयार नहीं थे और फिर आसन के समीप आ गए। कांग्रेस नेता खडगे ने कहा कि उन्होंने जो कहा कि उसकी सारे राष्ट्र को चिंता है। वह सारे राष्ट्र से माफी मांगें। बहुमत के आधार पर कुछ करने का प्रयास नहीं करें।

संसदीय कार्य मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा कि हम पहले ही कह चुके हैं कि हम पूरी तरह से इसे खारिज करते हैं। आप (विपक्ष) गांधीजी का अनुसरण करें। गांधीजी कभी किसी को धमकी नहीं देते थे और नियमों का पालन करते थे। वेंकैया ने कहा कि हमारा आग्रह होगा कि आप गांधीजी का अनुसरण करें। इसके बाद अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि साक्षीजी एक वाक्य में खेद प्रकट करें। इस पर साक्षी महाराज ने कहा कि मैं देश और सदन के समक्ष खेद प्रकट करता हूं। इस दौरान भी सदस्यों का शोर शराबा जारी रहा। इससे नाराज अध्यक्ष ने कहा कि अब आपको साष्टांग नमस्कार चाहिए क्या। उन्होंने खेद प्रकट कर दिया है और अब इस विषय को समाप्त करें।

इसके बाद सदन में प्रश्नकाल की कार्यवाही सामान्य रूप से चली। सदस्यों ने सवाल पूछे और मंत्रियों ने जवाब दिए।

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