प्रोटोकॉल के मुताबिक तिरंगे को सलामी देने की आवश्‍यकता नहीं: उपराष्‍ट्रपति कार्यालय
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प्रोटोकॉल के मुताबिक तिरंगे को सलामी देने की आवश्‍यकता नहीं: उपराष्‍ट्रपति कार्यालय

राजपथ पर गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान राष्ट्रगान बजने के समय उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी द्वारा राष्ट्र ध्वज को सलामी नहीं देने को लेकर सोशल मीडिया पर छिड़े विवाद के बाद उनके कार्यालय ने मंगलवार को बयान जारी कर स्पष्ट किया कि प्रोटोकॉल के मुताबिक इसकी आवश्यकता नहीं है।

प्रोटोकॉल के मुताबिक तिरंगे को सलामी देने की आवश्‍यकता नहीं: उपराष्‍ट्रपति कार्यालय

नई दिल्‍ली : राजपथ पर गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान राष्ट्रगान बजने के समय उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी द्वारा राष्ट्र ध्वज को सलामी नहीं देने को लेकर सोशल मीडिया पर छिड़े विवाद के बाद उनके कार्यालय ने मंगलवार को बयान जारी कर स्पष्ट किया कि प्रोटोकॉल के मुताबिक इसकी आवश्यकता नहीं है।

संयुक्त सचिव और उपराष्ट्रपति के ओएसडी गुरदीप सप्पल ने बयान जारी कर कहा कि गणतंत्र दिवस परेड के दौरान भारत के राष्ट्रपति सर्वोच्च कमांडर के नाते सलामी लेते हैं। प्रोटोकॉल के मुताबिक उपराष्ट्रपति को सावधान की मुद्रा में खड़ा होने की जरूरत होती है। सप्पल ने कहा कि जब उपराष्ट्रपति प्रधान हस्ती होता है तो वह राष्ट्रगान के दौरान पगड़ी पहनकर सैल्यूट देते हैं जैसा कि इस वर्ष एनसीसी शिविर में हुआ। गणतंत्र दिवस समारोह के तुरंत बाद राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और रक्षा मंत्री मनोहर पार्रिकर के तिरंगे को सलामी देने और अंसारी के ऐसा नहीं करने के फोटो ट्विटर पर वायरल हो गए।

इसको लेकर कुछ लोगों ने अंसारी पर हमला बोल दिया जबकि कई अन्य लोगों ने तीखी प्रतिक्रिया जताते हुए कहा कि इसे तूल देना ‘अनावश्यक एवं शर्मनाक’ है।

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