SP के राष्‍ट्रीय अधिवेशन में मुलायम की उपस्थिति पर संशय बरकरार!
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SP के राष्‍ट्रीय अधिवेशन में मुलायम की उपस्थिति पर संशय बरकरार!

माना जा रहा है कि यदि मुलायम अधिवेशन में शामिल होंगे तो शिवपाल पार्टी से बगावत कर एक नए मोर्चे का गठन कर सकते हैं.

पिछले दिनों मुलायम सिंह ने सपा से अलग पार्टी बनाने से इनकार कर दिया.(फाइल फोटो)

लखनऊ: समाजवादी पार्टी का राष्‍ट्रीय अधिवेशन 5 अक्‍टूबर को आगरा में होगा. इसमें पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव की उपस्थिति पर संशय बरकरार है. दरअसल शीर्ष परिवार में मचे घमासान के बीच मुलायम के शामिल होने पर सस्‍पेंस बरकरार है. हालांकि अखिलेश यादव ने मुलायम सिंह यादव को शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है. पार्टी के भीतर हाशिए पर चल रहे शिवपाल खेमे की भी नजर मुलायम की उपस्थिति पर टिकी है. सूत्रों के मुताबिक शिवपाल खेमे को आमंत्रित नहीं किया गया है और ये खेमा चाहता है कि मुलायम भी अधिवेशन में शामिल नहीं हों. 

  1. अधिवेशन में नए राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष का होगा चयन
  2. अखिलेश यादव के नाम पर मुहर लगनी तय
  3. मुलायम सिंह को भी किया गया आमंत्रित

माना जा रहा है कि यदि मुलायम अधिवेशन में शामिल होंगे तो शिवपाल पार्टी से बगावत कर एक नए मोर्चे का गठन कर सकते हैं. संभवतया इन्‍हीं के चलते सपा के भीतर सबकी निगाहें मुलायम के रुख पर टिकी हैं. वैसे जब अखिलेश यादव आमंत्रण देने के लिए मुलायम सिंह के पास पहुंचे तो सूत्रों के मुताबिक मुलायम ने उनको सभी को साथ लेकर चलने के लिए कहा था. 

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नए राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष का चुनाव
यह समाजवादी पार्टी (सपा) का दसवां राष्ट्रीय सम्मेलन होगा. आगरा के सदर बाजार, कैंट स्थित तारघर के मैदान में प्रतिनिधि सम्मेलन आयोजित किया गया है. इसमें 25 राज्यों के लगभग 15 हजार प्रतिनिधि भाग लेंगे. सम्मेलन में प्रतिनिधि राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव करेंगे, जिनका कार्यकाल नए संविधान के तहत अब पांच वर्ष का होगा. सपा के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने बताया, "सम्मेलन स्थल पर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव सुबह नौ बजे झंडारोहण करेंगे. सम्मेलन का उद्घाटन भी अखिलेश करेंगे. सम्मेलन में आर्थिक-राजनीतिक प्रस्ताव पेश होगा, जिस पर प्रतिनिधि अपने विचार रखेंगे."

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उन्होंने बताया, "पार्टी का यह सम्मेलन भावी राजनीतिक दशा-दिशा को भी प्रभावित करेगा, क्योंकि इसमें वर्तमान राजनीतिक स्थितियों तथा राष्ट्र के समक्ष अन्य ज्वलंत समस्याओं पर विचार किया जाएगा. एक तरह से इस सम्मेलन में देश को जोड़ने और तोड़ने वालों के बीच निर्णायक संघर्ष की भी आधारशिला रखी जाएगी. भाजपा देश को तोड़ने वाली पार्टी है, जबकि अखिलेश यादव देश को जोड़ने वाली ताकतों का नेतृत्व कर रहे हैं."

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सपा प्रवक्ता ने कहा, "सम्मेलन में इस बात पर भी चिंता जताई जाएगी कि केंद्र और राज्य में भाजपा सरकार के तीन वर्ष और छह महीनों में विकास के सभी कार्य अवरुद्ध हो गए हैं. भाजपा ने अपनी एक भी योजना लागू नहीं की है. उप्र को प्रगति के रास्ते पर ले जाने का जो प्रयास अखिलेश ने शुरू किया था, उसमें हर स्तर पर व्यवधान डाला जा रहा है."

चौधरी ने कहा कि सम्मेलन में लोकसभा चुनाव 2019 की तैयारियों और रणनीति पर भी विचार होगा. प्रवक्ता के मुताबिक, सम्मेलन के पूर्व चार अक्टूबर को राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक होगी, जिसके बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव पत्रकार सम्मेलन को संबोधित करेंगे.
(इनपुट: आईएएनएस/आईपीएन से भी)

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