सामाजिक कार्यकर्ता अंशु गुप्ता और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के पूर्व सतर्कता अधिकारी संजीव चतुर्वेदी को बुधवार को क्रमश: नेतृत्व क्षमता और भ्रष्टाचार को उजागर करने के लिए रैमन मैग्सेसे अवार्ड से सम्मानित किया गया।
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नई दिल्ली : व्हिसलब्लोअर भारतीय वन अधिकारी संजीव चतुर्वेदी और गैर सरकारी संगठन गूंज के संस्थापक अंशु गुप्ता को इस वर्ष के रेमन मैग्सेसे पुरस्कार के चुना गया है। रेमन मैग्सेसे अवॉर्ड फाउंडेशन (आरएमएएफ) के न्यास बोर्ड ने घोषणा की कि इस पुरस्कार के लिए चुने गए तीन अन्य लोगों में लाओस के कोम्माली चांथावोंग, फिलीपीन के लिगाया फर्नांडे अमिलबांग्सा और म्यांमार के क्याउ थू शामिल हैं।
चतुर्वेदी को ‘उभरते नेतृत्व’ (एमरजेंट लीडरशिप) के लिए इस पुरस्कार हेतु चुना गया है। वह इस समय अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के उप सचिव हैं। उन्हें पिछले वर्ष अगस्त में एम्स के मुख्य सतर्कता आयुक्त के पद से हटा दिया गया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि उन्होंने संस्थान में हो रही अनियमितताओं का पता लगाया था इसलिए उनका स्थानांतरण कर दिया गया था।
फाउंडेशन ने कहा कि ‘सार्वजनिक कार्यालय में भ्रष्टाचार की बहुत मेहनत से जांच करने और समझौता न करते हुए खुलासा करने के मद्देनजर उनकी अनुकरणीय ईमानदारी, साहस और दृढता के लिए तथा सरकार द्वारा भारत के लोगों की सेवा सुनिश्चित करने के मकसद से कार्यक्रम निर्माण और प्रणाली सुधारों के लिए’ चतुर्वेदी को सम्मानित किया जा रहा है। गुप्ता ने 1999 में गूंज की स्थापना के लिए अपनी कॉरपोरेट नौकरी छोड़ दी थी। (एजेंसी इनपुट के साथ)