पति-देवर ने गर्भवती का पेट दबाकर निकाला सात महीने का कन्या भ्रूण
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पति-देवर ने गर्भवती का पेट दबाकर निकाला सात महीने का कन्या भ्रूण

पति-देवर ने गर्भवती का पेट दबाकर निकाला सात महीने का कन्या भ्रूण (प्रतिकात्मक तस्वीर)

नई दिल्लीः पंजाब के सबसे बड़े व्यावसायिक शहर लुधियाना से एक दिल दहला देने वाला मामाल सामने आया है. यहां सात महीने की गर्भवती महिला को उसके पति और देवर ने केवल इसलिए जान से मार दिया ताकि वह बेटी को जन्म न दे सके. इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक मारी गई महिला के पहले एक दो साल की बेटी है और इस बार गर्भवती होने पर उसके पति ने गर्भ का लिंग परीक्षण कराकर महिला पर गर्भपात कराना का दवाब बनाया था. यह मामला लुधियाना जिले के जंदी कलन गांव का है. पुलिस ने इस मामले में आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है. फिलहाल आरोपी फरार हैं और पुलिस उनकी गिरफ्तारी के लिए जगह दाबिश दे रही है.

लुधियाना के सिधवान बेट पुलिस थाने के एसएचओ परमजीत सिंह द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार मंजीत कौर की शादी कुछ साल पहले इरविंदर सिंह से हुई थी. शादी के बाद उसे एक बेटी हुई जो कि अब दो साल की है. इसके बाद मंजीत फिर से गर्भवती हुई तो उसके ससुरालवालों को शक होने लगा कि वह इस बार भी बेटी को ही जन्म देगी, इसलिए उसके भ्रूण का लिंग परीक्षण कराया गया जिसमें मंजीत के गर्भ में बेटी होने की बात सामने आई.

ससुरालवाले नहीं चाहते थे कि घर में एक और बेटी आए इसलिए रविवार की रात मंजीत के पति इरविंदर और उसके देवर निर्मल ने मंजीत के हाथ-पैर बांध दिए. इसके बाद दोनों आरोपी मंजीत के पेट को जोर से दबाने लगे जिसके कारण सात महीने का भ्रूण बाहर आ गया. जैसे ही भ्रूण बाहर आया मंजीत की मौत हो गई. इसके बाद आरोपियों ने मंजीत के शव और भ्रूण को खेतों में जाकर फेंक दिया. इस घटना के बाद से ही दोनों आरोपी फरार हैं.

मंजीत कौर के पिता का बयान

मंजीत के पिता रविंद्र ने पुलिस को बताया कि सोमवार को गांव के एक व्यक्ति ने उनसे कहा कि उसने देर रात मंजीत के रोने की आवाज़ सुनी थी. जब वे मंजीत के ससुराल पहुंचे तो उसके पति और बाकी के घरवालों ने रविंद्र को नहीं बताया कि मंजीत कहां है. इतनी ही नहीं रविंद्र ने पुलिस को यह भी बताया कि जब मंजीत को पहली बेटी हुई थी तो तब से ही उसका पति उसे प्रताड़ित करता रहा था. जब वह दूसरी बार गर्भवती हुई तो उसके बच्चे का लिंग जांच कराया गया और फिर जब बेटी होने का पता चला तो उसे गर्भपात कराने के लिए फोर्स किया जाने लगा. मंजीत को बेटा न पैदा करने के लिए धमकियां दी जाती थी कि अगर उसने बेटे को जन्म नहीं दिया तो इसका बहुत बुरा परिणाम होगा.

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