श्रीनगर के एक अस्पताल में चेकअप के लिए लाए आतंकियों द्वारा की गई गोलीबारी में घायल हुए दूसरे पुलिसकर्मी की भी मौत हो गई.
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श्रीनगर : श्रीनगर के एक अस्पताल में चेकअप के लिए लाए आतंकियों द्वारा की गई गोलीबारी में घायल हुए दूसरे पुलिसकर्मी की भी मौत हो गई. इस हमले में एक पुलिसकर्मी की पहले ही मौत हो गई थी. अब तक इस घटना में दो पुलिसकर्मी शहीद हो चुके हैं. आंतकी पुलिस पर हमला करके अपने साथी को छुड़ा कर फरार हो गए थे.
आंतकियों को लाए थे इलाज के लिए
आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा ने यहां कड़ी सुरक्षा वाले एसएमएचएस अस्पताल परिसर में दिनदहाड़े हमला कर एक पाकिस्तानी आतंकवादी को छुड़ा लिया. इस दौरान गोलीबारी में दो पुलिसकर्मी भी शहीद हो गए. पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि हमले के बाद आतंकवादी श्रीनगर के व्यस्त इलाके में स्थित संकरी गलियों में फरार हो गए.
2014 में पकड़ा गया था नवीद
पुलिस ने कहा कि इस हमले के दौरान 2014 में दक्षिण कश्मीर के कुलगाम से पकड़ा गया पाकिस्तानी आतंकवादी मोहम्मद नवीद हमलावरों के साथ फरार हो गया. वह लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा था. आतंकवादियों ने नवीद उर्फ अबु हंजाला के साथ मौजूद पुलिस दल पर काका सराय इलाके में व्यस्त अस्पताल के बाहर फायरिंग की. इस हमले में हेड कांस्टेबल मुश्ताक अहमद और कांस्टेबल बाबर अहमद शहीद हो गए.
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रेड अलर्ट घोषित
राज्य के पुलिस महानिदेशक एसपी वैद ने कहा कि यह बेहद दुखद घटना है और आतंकवादी अपने एक साथी को फरार करवाने में सफल रहे. हमने इस वारदात में शामिल सभी लोगों को पकड़ने के लिए रेड अलर्ट घोषित किया है. एक पुलिसकर्मी की कार्बाइन राइफल भी इस दौरान गुम बताई जा रही है.
पुलिस के ही हथियार छीने
हमला स्थल का दौरा करने वाले पुलिस उप महानिरीक्षक (मध्य कश्मीर) गुलाम हसन भट ने कहा कि पुलिस दल नवीद समेत छह आतंकवादियों को इलाज के लिए अस्पताल ले जा रहा था. प्रत्यक्षदर्शियों के बयानों के मुताबिक जैसे ही अस्पताल के ओपीडी से बाहर नवीद समेत छह कैदी और पुलिस कर्मी गाड़ी से उतरे आतंकवादियों ने गोलीबारी शुरू कर दी. फिरन पहने आतंकवादी अस्पताल के पार्किंग वाले इलाके में पहले से ही घात लगाए बैठे थे. आतंकियों ने पुलिसकर्मियों के हथियार छीन पर उन्हीं पर गोलीबारी कर दी.
बताई थी कम उम्र
पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा ने जम्मू कश्मीर में अपने कार्यकर्ताओं से कहा है कि अगर वे सुरक्षाकर्मियों द्वारा पकड़े जाते हैं तो वे अपनी उम्र 18 वर्ष से कम बताएं. इस बात का खुलासा 2014 में पकड़े गए मोहम्मद नवीद ने किया था. गिरफ्तारी के वक्त नवीद ने जांचकर्ताओं को अपनी उम्र 17 वर्ष बताई थी.
लगातार पूछताछ के बाद नवीद ने कहा कि सीमापार के उसके ‘आकाओं’ ने उसे अपनी उम्र 17 वर्ष बताने को कहा था. हालांकि जांच में नवीद की उम्र 22 साल निकली. उसने बताया कि लश्कर द्वारा अपने नओ सदस्यों से कहा गया है कि उन्हें 18 वर्ष से कम उम्र वाले लड़के की तरह व्यवहार करना है ताकि उनके खिलाफ मामला भारतीय दंड संहिता नहीं बल्कि किशोर न्याय अधिनियम के तहत दर्ज हो. किशोर न्याय अधिनियम में अधिकतम सजा तीन वर्ष की है.