जैश कमांडर को पकड़ने के लिए घाटी में बड़े पैमाने पर छेड़ा गया तलाशी अभियान
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जैश कमांडर को पकड़ने के लिए घाटी में बड़े पैमाने पर छेड़ा गया तलाशी अभियान

दिसम्बर के दूसरे हफ्ते में अपने तीन साथियों के साथ घाटी में इसने की थी घुसपैठ। 

फाइल फोटो

श्रीनगरः जम्मू और कश्मीर में सुरक्षाबलों ने एक जैश मोहम्मद के बड़े कमांडर आतंकवादी अब्दुल रशीद गाजी को घाटी में तलाशने का अभियान शुरू किया है. सूत्रों के मुताबिक इसने  पिछले महीने अपने दो साथियों के साथ पाकिस्तान से पुंछ के रास्ते से राज्य में घुसपैठ की है. सूत्रों के मुताबिक उसने 10 दिसंबर को जम्मू-कश्मीर में दो अन्य आतंकवादियों के साथ घुसपैठ की थी. ऐसी सूचना है कि इस वक्त ये आतंकी दक्षिण कश्मीर के पुलवामा में छिपा है. ऐसा बताया जा रहा है कि इस आतंकी को यहां भेजने का उद्देश्य उन युवाओं को ट्रेंड करना है जो आतंकी संगठनों में शामिल हो रहे हैं. 

पुलिस सूत्रों के मुताबिक "गाजी एक माहिर ट्रेनर है और इंप्रोवाइज्ड एक्सलोसिव डिवाइसेस (आईईडी ) बनाने में महारत रखता है और पीओके में जैश के मुख्य ट्रेनिंग सेंटरों में आतंकियों को तैयार करता था." दरसल पहले जिस तरह कश्मीर से युवा सीमा पार कर पाकिस्तान जाकर आतंकवाद की ट्रेनिंग लेते थे अब ऐसा मुमकिन नहीं हो रहा है, क्योंकि कश्मीर घाटी में अब पाकिस्तान से घुसपैठ करना या हथियार लाना बेहद मुश्किल हो रहा है. कश्मीर घाटी में जिन नए युवाओं को ब्रेन वाश कर आतंकवाद में शामिल किया जाता है वो सुरक्षाबलों से लड़ने में अशक्षम होते है क्योंकि उन्हें हथियारों या गोला बारूद इस्तेमाल करने की ट्रेनिंग नहीं होती है. 

पुलिस सूत्रों ने बताया कि "गाज़ी को जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मौलाना मसूद अजहर ने अपने भतीजे उस्मान और ताल्हा रशीद की हत्या का बदला लेने के लिए घाटी में भेजा है. मसूद अज़हर के इन रिश्तेदारों को सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ में मार गिराया था और कहा कि उसे स्थानीय आतंकवादियों को ट्रेनिंग देने का काम भी सौंपा गया है." 

ख़ुफ़िया विभाग के इस खुलासे के बाद से पूरी घाटी खासकर दक्षिण कश्मीर में इसे तलाशने और उसे ख़त्म करने का अभियान तेज़ी से शुरू किया है. गौरतलब है कि कश्मीर में पिछले वर्ष 276 आतंकियों के मारे जाने के बाद आतंकी संगठनों को काफी नुकसान हुआ है और उनकी जड़े काफी कमज़ोर हुई है. पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक कश्मीर घाटी में अब भी 230 आतंकी सक्रिय है और दक्षिण से लेकर उत्तरी कश्मीर के विभिन्न इलाकों में छुपाए है. 

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