भीमा कोरेगांव केस में सुप्रीम कोर्ट का फैसला शुक्रवार को, 5 एक्टिविस्टों के भाग्य पर भी फैसला संभव
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भीमा कोरेगांव केस में सुप्रीम कोर्ट का फैसला शुक्रवार को, 5 एक्टिविस्टों के भाग्य पर भी फैसला संभव

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस डीवाई चंद्रचूड ने कहा था कि अगर किसी प्रभावित क्षेत्र में लोगों का हाल जानने भेजा जाता है तो इसका मतलब ये नहीं है कि वो प्रतिबंधित संगठन के सदस्य हैं.

फाइल फोटो

नई दिल्लीः भीमा कोरेगांव केस में पांच एक्टिविस्टों की गिरफ्तारी के मामले में सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को फैसला सुनाएगा.सीजेआई दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ शुक्रवार को सुबह 10:30 बजे के बाद फैसला सुनाएगी.कोर्ट फैसले के जरिए तय करेगा कि पांच एक्टिविस्टों के खिलाफ पुणे पुलिस की जांच जारी रहेगी या नहीं. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस डीवाई चंद्रचूड ने कहा था कि अगर किसी प्रभावित क्षेत्र में लोगों का हाल जानने भेजा जाता है तो इसका मतलब ये नहीं है कि वो प्रतिबंधित संगठन के सदस्य हैं.जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा था कि हमें सरकार का विरोध, तोड़फोड़ व गड़बड़ी फैलाने वालों के बीच के अंतर को साफ़ तौर पर समझना होगा.

सरकार की ओर से पेश रिपोर्ट में यूनिवर्सिटीज और सामाजिक संस्थाओं के नाम शामिल हैं, क्या ये सभी शामिल हैं? सरकार से असहमति रखना और गड़बड़ी फैलाना या तख्ता पलट की कोशिश दो अलग-अलग बातें हैं.हमारे संस्थानों यहां तक कि कोर्ट को भी इतना मजबूत होना चाहिए कि वो विरोध को सहन कर सके.केवल अनुमान के आधार पर लिबर्टीज का गला नहीं घोंटा जा सकता है. 

महाराष्ट्र सरकार की ओर से ASG तुषार मेहता ने कहा था कि सभी आरोपियों के खिलाफ मामले में पुख्ता सबूत हैं.FIR में छह लोगों के नाम हैं लेकिन किसी की भी तुरंत गिरफ्तारी नहीं की गई थी,शुरूआती जांच में सबूत सामने आने पर छह जून को एक गिरफ़्तारी हुई जिसे कोर्ट में पेशकरकेरिमांड पर लेकर पूछताछ की गई.कोर्ट से सर्च वांरट लिया गया था. जांच की निगरानी डीसीपी व सीनियर अधिकारी ने की थी.जब्त किए गए कंप्यूटर लैपटाप व पेनड्राइव को फॉरेंसिक जांच के लिए लैब भेजा गया.पूरी सर्च की वीडियोग्राफ़ी करवाई गई.आरोपी सीपीआई माओवादी संगठन सेजुड़े है और ये प्रतिबंधित संगठन है.तुषार मेहता ने कहा था कि कोर्ट जब दस्तावेजों में हमे रोना विल्सन की तस्वीर मिली.उसमें रोना के साथ दिख रहा शख्स छत्तीसगढ़ में 40 लाख और महाराष्ट्र में 50 लाख के इनाम वाला आरोपी है.मेहता ने कहा था कि कोर्ट आरोपियों की दलील सुनकर अपना विचार न बनाए.सरकार की भी पूरी बात सुननी चाहिए. 

पांच एक्टिविस्ट की हुई थी गिरफ्तारी
भीमा कोरेगांव हिंसा की जांच कर रही पुणे पुलिस ने मुंबई, दिल्ली, हैदराबाद औऱ रांची में एक साथ छपेमारी कर घन्टो तलाशी ली थी औऱ फिर 5 लोगों को गिरफ्तार किया था.पुणे पुलिस के मुताबिक सभी पर प्रतिबंधित माओवादी संगठन से लिंक होने का आरोप है. जबकिमानवाधिकार कार्यकर्ता इसे सरकार के विरोध में उठने वाली आवाज को दबाने की दमनकारी कार्रवाई बता रहे हैं. रांची से फादर स्टेन स्वामी, हैदराबाद से वामपंथी विचारक और कवि वरवरा राव,फरीदाबाद से सुधा भारद्धाज और दिल्ली से सामाजिक कार्यकर्ता गौतम नवलाख की भी गिरफ्तारी भी हुई है.

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