त्रिपुरा में नहीं है NRC जैसे रजिस्टर की कोई मांग नहीं :सीएम बिप्लब देब
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त्रिपुरा में नहीं है NRC जैसे रजिस्टर की कोई मांग नहीं :सीएम बिप्लब देब

त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब ने मंगलवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात की.

फाइल फोटो

नागपुर: त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब ने मंगलवार को कहा कि राज्य में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर की तरह किसी भी प्रकार के नागरिक रजिस्टर की कोई मांग नहीं की जा रही है. उन्होंने कहा कि असम में भी यह संवेदनशील नहीं है. असम में एनआरसी का अंतिम मसौदा सोमवार को प्रकाशित किया गया था, जिसमें राज्य के 3.29 करोड़ आवेदनकर्ताओं में से 2.89 करोड़ के ही नाम हैं. इस प्रकार करीब 40.07 लाख लोगों को इस ऐतिहासिक दस्तावेज में स्थान नहीं मिला है. इस सूची को असमी पहचान से जोड़ कर देखा जा रहा है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत से मिलने नागपुर आए देब ने कहा कि त्रिपुरा में एनआरसी की कोई मांग नहीं की जा रही है.

त्रिपुरा में NRC कोई मुद्दा नहीं- देब

बीजेपी नेता बिप्लब देब ने कहा, “त्रिपुरा में सबकुछ दुरूस्त है और सभी के पास वैध दस्तावेज हैं. इसलिए हमारे लिए यह मुद्दा नहीं है.” देब ने आरोप लगाया कि ‘विदेशी मानसिकता’ के कुछ लोग माहौल को बिगाड़ना चाहते हैं. इसी बीच देब ने आरएसएस मुख्यालय में भागवत से एक घंटे तक बातचीत की. आपको बता दें कि NRC यानी नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन के मुद्दे पर मंगलवार को संसद में जमकर हंगामा हुआ. यह हंगामा इतना बढ़ गया कि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को इस मुद्दे पर अपनी बात रखने का मौका ही नहीं मिला. हंगामे को देखते हुए राज्यसभा की कार्रवाई अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी गई.

बीजेपी अध्यक्ष शाह ने उठाए विपक्ष की मंशा पर सवाल
सदन के बाहर मीडिया से बात करते हुए अमित शाह ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सदन में उन्हें अपनी बात रखने का मौका नहीं दिया गया. उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष सरकार से सवाल तो करता है, लेकिन वह उस सवाल पर सरकार का पक्ष नहीं सुनना चाहता. उन्होंने कहा कि विपक्ष की यह सोची-समझी साजिश है. कांग्रेस संसद में देश के विकास पर चर्चा नहीं होने देना चाहती. उन्होंने कहा कि पिछले दो दिनों से देश में NRC के ऊपर बहस चल रही है और यह कहा जा रहा है कि 40 लाख भारतीय नागरिकों को अवैध घोषित कर दिया गया है जबकि, वास्तविकता है कि प्राथमिक जांच होने के बाद जो भारतीय नहीं हैं उनके नाम NRC से हटाए गए हैं. 

सीएम ममता ने लगाए सरकार पर गंभीर आरोप
तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष तथा पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एनआरसी के मुद्दे पर सरकार पर गंभीर आरोप लगाए. कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में आयोजित एक कार्यक्रम में 'Love For Neighbour' विषय पर बोलती हुए ममता बनर्जी ने कहा कि एनआरसी मसौदा लागू करने के पीछे राजनीतिक मकसद है और ऐसा हम पश्चिम बंगाल में कतई नहीं होने देंगे. उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार इस मुद्दे पर देश को बांटने की कोशिश कर रही है. इससे लोग आपस में ही लड़ेंगे, खून-खराबा होगा और देश में गृहयुद्ध जैसे हालात पैदा हो जाएंगे.

(इनपुट भाषा से)

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