आरक्षण की मांग पर युवक ने की आत्महत्या, मृतक को शहीद का दर्जा देने की मांग पर रास्ता जाम
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आरक्षण की मांग पर युवक ने की आत्महत्या, मृतक को शहीद का दर्जा देने की मांग पर रास्ता जाम

पुलिस ने बताया कि सिलोड के काईगांव में विभिन्न मराठा संगठनों द्वारा जारी आंदोलन के दौरान शिंदे ने सरकार से आरक्षण की मांग करते हुए अचानक गोदावरी नदी में छलांग लगा दी.

मृतक शिंदे को शहीद का दर्जा देने की मांग को लेकर मराठा क्रांति मोर्चा ने राजमार्ग जाम कर दिया

औरंगाबाद : महाराष्ट्र में मराठा समुदाय को आरक्षण देने की मांग को लेकर चल रहा आंदोलन अब उग्र होता जा रहा है. रविवार को आरक्षण की मांग करते हुए एक युवक ने गोदावरी नदी में छलांग लगाकर अपनी जान दे दी. पुलिस के अनुसार, युवक की पहचान जिले के कानद गांव के काकासाहेब दत्तात्रेय शिंदे (28) के रूप में हुई है. पुलिस ने बताया कि सिलोड के काईगांव में विभिन्न मराठा संगठनों द्वारा जारी आंदोलन के दौरान शिंदे ने सरकार से आरक्षण की मांग करते हुए अचानक गोदावरी नदी में छलांग लगा दी.

इसके बाद बाहर निकलने के उसके खुद के प्रयासों और खबर मिलने पर वहां पहुंचे बचाव कर्मियों के प्रयासों के बावजूद शिंदे बाहर नहीं निकल सका. हालिया सप्ताहों में हुई बारिश से नदी का प्रवाह बहुत तेज था. हालांकि काफी कोशिशों के बाद शिंदे के शव को बरामद कर लिया गया. 

यह घटना मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा अषाढ़ी एकादशी के मौके पर सोलापुर के पंढरपुर में स्थित भगवान विट्ठल और उनकी पत्नी रुकमिणी के प्रसिद्ध मंदिर में पूजा करने से नाम वापस लेने के अगले दिन घटी.

सोमवार शाम शिंदे के परिजनों ने उसका शव लेने से इंकार कर दिया और कई संगठनों ने फडणवीस के इस्तीफे की मांग करते हुए काईगांव (औरंगाबाद), कोल्हापुर में इचलकरंजी में सड़क मार्ग अवरुद्ध कर दिए और ठाणे में फडणवीस के पुतले पर टमाटर फेंके. कई मराठा संगठनों ने नौ अगस्त को अगस्त क्रांति मनाते हुए महाराष्ट्र बंद की घोषणा की है. मराठा क्रांति मोर्चा ने राज्य सरकार से दत्तात्रेय शिंदे को शहीद का दर्जा देने की मांग करते हुए मुंबई-पुणे राजमार्ग को बाधित कर दिया. मोर्चा ने शिंदे को शहीद का दर्जा देने के साथ-साथ मृतक के परिजनों को 50 लाख रुपये की आर्थिक मदद तथा उसके भाई को सरकारी नौकरी देने की मांग की. 

(इनपुट आईएएनएस से)

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