पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बुधवार को दिल्ली में है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से शाम तकरीबन साढ़े चार बजे उनकी मुलाकात होनी तय है.
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नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बुधवार को दिल्ली में है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से शाम तकरीबन साढ़े चार बजे उनकी मुलाकात होनी तय है. इस बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी जिस घर में ठहरी हैं, वो बंगला ठीक बीजेपी नेता मुकुल रॉय के बगल वाला घर है जो कभी ममता के सबसे करीबी या दायां हाथ माने जाते थे. ऐसे में भले ही पीएम मोदी और ममता की मीटिंग तय है लेकिन बंगाल बीजेपी ने सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ रणनीति बनाने के लिए आज ही मुकुल रॉय के घर पर एक ज़रूरी बैठक बुलाई है. आज सुबह 10:30 बजे मुकुल रॉय, अर्जुन सिंह समेत कई अन्य सांसद दिल्ली पहुंचने वाले हैं और उसके बाद मुकुल रॉय के घर पर मीटिंग करने वाले हैं. ये मीटिंग उस वक्त होगी जब ममता बनर्जी बगल वाले बंगले में मौजूद होंगी.
शाम साढ़े चार बजे होगी मुलाकात
इस बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के लिए अपनी दिल्ली यात्रा को 'सामान्य' व 'संवैधानिक दायित्व' बताते हुए कहा कि वह बैंकों के विलय, बीएसएनएल के वेतन मुद्दे और एयर इंडिया जैसे पीएसयू के विनिवेश जैसे मुद्दे उठाएंगी. मुख्यमंत्री ने मंगलवार को राज्य सचिवालय नबान्ना से नेताजी सुभाष चंद्रबोस इंटरनेशनल एयरपोर्ट को रवाना होने के दौरान कहा, "कई बार हमें दिल्ली सरकारी कार्य के लिए जाना पड़ता है, क्योंकि यह राष्ट्रीय राजधानी है. मुझे राज्य के मामलों के सिलसिले में कई बार जाना होता है. यह सामान्य बात है."
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ममता बनर्जी ने संवाददाताओं को याद दिलाया कि वह लंबे समय से दिल्ली नहीं गई हैं. उन्होंने कहा, "मैं वहां जा रही हूं, क्योंकि कुछ धन जो मेरे राज्य को प्राप्त करना है, लंबित है." ममता बनर्जी ने कहा कि वार्ता के दौरान बीएसएनएल, एयर इंडिया और रेलवे जैसे पीएसयू के मुद्दे उठाए जाएंगे. उन्होंने कहा, "वे बहुत सी समस्याओं का सामना कर रहे हैं. इसलिए वे हमारे पास आए. मैं उनके लिए बात करूंगी." मोदी सरकार ने भारतीय रेलवे के कुछ खंड को निजी क्षेत्र के निवेश के लिए खोलने की अपनी इच्छा जाहिर की है. ममता बनर्जी ने बैंकों विलय के फैसले का भी कड़ा विरोध किया है.
ममता बनर्जी ने कहा कि पश्चिम बंगाल के नाम को बदलकर 'बांग्ला' करने के लंबे समय के मुद्दे को भी रखा जाएगा. राज्य विधानसभा ने बीते साल 26 जून को राज्य के नाम को बदलकर 'बांग्ला', तीनों भाषाओं- बांग्ला, अंग्रेजी व हिंदी में करने को लेकर एक प्रस्ताव पारित किया था और इस प्रस्ताव को 21 अगस्त को केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजा. ममता बनर्जी ने कहा कि बातचीत के दौरान दूसरे मुद्दे पर उठ सकते हैं, लेकिन उन्होंने आगे किसी बात को जाहिर नहीं किया. उन्होंने कहा, "यह एक शिष्टाचार मुलाकात है. मैं जा रही हूं, क्योंकि यह मेरा सामान्य कर्तव्य है, संवैधानिक दायित्व है. केंद्र सरकार भी एक चुनी हुई सरकार है. देश के लिए कार्य करने की खातिर हम एक-दूसरे से मिलते हैं."
(इनपुट:Jyotirmoy और एजेंसी IANS के साथ)