'तिनका-तिनका तिहाड़' अब मराठी में भी, यरवदा जेल में हुआ लोकार्पण
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'तिनका-तिनका तिहाड़' अब मराठी में भी, यरवदा जेल में हुआ लोकार्पण

'तिनका तिनका तिहाड़' दिल्ली की तिहाड़ जेल में कैद 4 महिला कैदियों रमा चौहान, सीमा रघुवंशी, रिया शर्मा और आरती की कविताओं का संकलन है.

'तिनका-तिनका तिहाड़' अब मराठी में भी, यरवदा जेल में हुआ लोकार्पण

पुणे : तिहाड़ जेल के कैदियों की रचनाओं पर आधारित चर्चित किताब 'तिनका तिनका तिहाड़' अब मराठी में लॉन्च की गई है. वरिष्ठ पत्रकार वर्तिका नंदा और पूर्व डीजी (जेल) विमला मेहरा द्वारा लिखित यह पुस्तक कामयाबी के कई मुकाम हासिल कर चुकी है. इस पुस्तक के मराठी संस्करण का लोकार्पण पुणे की यरवदा जेल में महाराष्ट्र के एडीजी (कारागार) डॉ. भूषण कुमार उपाध्याय ने किया.  

  1. महिला कैदियों के गीतों का संकलन है इस किताब में
  2. किताब के छपे फोटो भी कैदियों द्वारा लिए गए हैं
  3. तिनका-तिनका गीत  'लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स' में भी शामिल

लोकार्पण समारोह में एडीजी उपाध्याय ने कहा कि 'तिनका तिनका तिहाड़' से प्रेरित होकर यरवदा जेल के कैदियों की रचनात्मकता को बाहर निकालने का प्रयास किया जाएगा. उन्होंने कहा कि कैदियों में छिपी रचनात्मकता को उभारने में तिनका-तिनका फाउंडेशन की मदद ली जाएगी.

लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में शामिल
इस किताब का हिंदी से मराठी में अनुवाद मंजरी धामणकर ने और प्रकाशन मेहता पब्लिशिंग हाउस ने किया है. इस किताब में चार महिला कैदियों की कविताओं को शामिल किया गया है. राजकमल से प्रकाशित इस पुस्तक को 2013 में तत्कालीन गृहमंत्री ने विज्ञान भवन में रिलीज किया था. तिनका तिनका तिहाड़ के थीम गीत को 2015 में इसका नाम 'लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स' में भी शामिल किया गया.

तिहाड़ जेल की कारागार नंबर 6 में कैद 4 महिला कैदियों रमा चौहान, सीमा रघुवंशी, रिया शर्मा और आरती की कविताओं का संकलन है यह किताब. खास बात यह है कि इस किताब में कैदियों की तस्वीरों को ही शामिल किया गया है. इस किताब का प्रकाशन भी अलग ढंग से किया गया है. किताब को खोलने पर आपको तस्वीरें ही नजर आएंगी.

'तिनका तिनका' भारतीय जेलों पर वर्तिका की एक अनूठी श्रृंखला है. इस कड़ी के तहत गाजियाबाद की डासना जेल पर उन्होंने 'तिनका तिनका डासना' किताब भी लिखी. 'तिनका तिनका' के तहत वर्तिका नन्दा अब तक तीन जेलों में जेल के ही गानों को साकार रूप दे चुकी हैं. उन्होंने कैदियों के लिए देश के पहले ख़ास सम्मानों - 'तिनका तिनका इंडिया अवार्ड्स' और 'तिनका तिनका बंदिनी अवार्ड्स' की शुरूआत भी की है जो हर साल मानवाधिकार दिवस और महिला दिवस पर दिए जाते हैं. 

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