भीमा कोरेगांव केस : SC ने मांगी चार्जशीट की कॉपी, 11 दिसंबर को अगली सुनवाई
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भीमा कोरेगांव केस : SC ने मांगी चार्जशीट की कॉपी, 11 दिसंबर को अगली सुनवाई

चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि मराठी में तैयार चार्जशीट को अंग्रेजी में अनुवाद करके सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया जाए. 

सुप्रीम कोर्ट में अब 11 दिसंबर को होगी अगली सुनवाई. फाइल फोटो

नई दिल्‍ली : भीमा कोरेगांव हिंसा मामले की सुनवाई करते हुए सोमवार को सुप्रीम कोर्ट महाराष्‍ट्र सरकार से पांचों आरोपियों के खिलाफ दायर चार्जशीट की कॉपी पेश करने को कहा है. सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि मराठी में तैयार चार्जशीट को अंग्रेजी में अनुवाद करके सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया जाए. उन्‍होंने यह आदेश देते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट देखना चाहता है कि पांचों के खिलाफ क्‍या-क्या आरोप हैं. मामले की अगली सुनवाई 11 दिसंबर को होगी.

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार से जिन पांच आरोपियों के खिलाफ दायर चार्जशीट की कॉपी पेश करने का कहा है उनमें सुरेंद्र गडलिंग, सोमा सेन, महेश राउत, सुधीर धवले और रोना विल्सन शामिल हैं.

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भीमा कोरेगांव मामले में 5 आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं. 5 अभी फरार है. फाइल फोटो

वहीं महाराष्ट्र सरकार ने सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में कहा कि सभी पांचों आरोपियों के खिलाफ गंभीर आरोप हैं. इसलिए तकनीकी आधार पर उनकी इनको जमानत नहीं मिलनी चाहिए. इसी के साथ ही सुनवाई के दौरान वकील इंदिरा जयसिंह ने आरोप लगाया कि आरोपी गडलिंग पर एक केस और दर्ज कर दिया गया है. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इसका भी ब्यौरा दाखिल किया जाए.

बता दें कि भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में पुणे पुलिस ने 15 नवंबर को सेशंस कोर्ट में आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी. पुलिस ने कोर्ट में इस मामले में 10 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी. यह चार्जशीट 5,160 पन्‍नों की है. जिन 10 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर की गई है, उनमें से पांच को छह जून को गिरफ्तार किया गया था. वहीं इस मामले में पांच आरोपी अभी भी फरार हैं.

पुणे पुलिस ने सेशंस कोर्ट में पांच आरोपियों वकील सुरेंद्र गडलिंग, शोमा सेन, महेश राउत, सुधीर ढवले और रोना विल्सन समेत दस आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी. इन्हें छह जून को गिरफ्तार किया गया था. इससे पहले चार्जशीट तय समय सीमा में दायर नहीं किए जाने के खिलाफ सुरेंद्र गडलिंग ने हाईकोर्ट में भी अपील की थी. इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट में भी गया था.

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