डीएमके से निष्कासित नेता एम के अलागिरी ने पार्टी में उनके फिर से प्रवेश पर डीएमके की उदासीन चुप्पी पर कहा कि वह अपनी आगे की कार्य नीति के बारे में जल्द निर्णय करेंगे.
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मदुरै: डीएमके से निष्कासित नेता एम के अलागिरी ने पार्टी में उनके फिर से प्रवेश पर डीएमके की उदासीन चुप्पी पर कहा कि वह अपनी आगे की कार्य नीति के बारे में जल्द निर्णय करेंगे. अलागिरी ने कहा कि वह समर्थकों से चर्चा के बाद अपने अगले कदम के बारे में निर्णय करेंगे. पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि दिवंगत द्रमुक नेता और उनके पिता एम करूणानिधि की कांसे की प्रतिमा जल्द ही यहां लगायी जाएगी. अलागिरी ने पांच सितंबर को मरीना बीच स्थित अपने पिता की समाधि तक एक मौन जुलूस निकाला था.
अलागिरी को छोटे भाई और मौजूदा पार्टी अध्यक्ष एम के स्टालिन के साथ उत्तराधिकार की लड़ाई के बाद करूणानिधि ने 2014 में पार्टी से निष्कासित कर दिया था. गौरतलब है कि अलागिरी ने हाल में शक्ति प्रदर्शन के लिए एक रैली का आयोजन किया था लेकिन उसमें पार्टी के एक भी पदाधिकारी ने हिस्सा नहीं लिया.
रैली से कुछ दिन पहले अलागिरी ने कहा था कि अगर उन्हें फिर से पार्टी में शामिल किया जाता है तो वह अपने छोटे भाई को अपना नेता मानने को तैयार हैं. द्रमुक ने हालांकि अब तक कोई जवाब नहीं दिया है.
वापस नहीं लिया तो अपनी ही कब्र खोदेगी पार्टी
बता दें कि करुणानिधि के निधन के बाद से ही उनके परिवार में एक बार फिर उत्तराधिकार का विवाद पैदा हो गया था. करुणानिधि के अंतिम संस्कार के दौरान ही अलागिरी ने अपने छोटे भाई और पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष स्टालिन को जमकर कोसा था. उन्होंने कहा था कि उन्होंने अपने पिता की समाधि पर प्रार्थना की और अपनी शिकायतें सामने रखीं जिसे मीडिया फिलहाल नहीं जान पाएगा.
अलागिरी ने स्टालिन पर आरोप लगाया था कि वह पार्टी में उनके लौटने की राह में रोड़े अटका रहे हैं और पार्टी के पदों को बेच रहे हैं. इसके साथ ही एमके अलागिरी ने दावा किया कि पार्टी के सभी वफादार कार्यकर्ता उनके साथ हैं और यदि द्रमुक ने उन्हें वापस नहीं लिया तो वह ‘अपनी ही कब्र खोदेगी.’
इनपुट भाषा से भी