सतलोक आश्रम हिंसा: रामपाल समेत 15 दोषियों को उम्रकैद, 1-1 लाख का जुर्माना भी
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सतलोक आश्रम हिंसा: रामपाल समेत 15 दोषियों को उम्रकैद, 1-1 लाख का जुर्माना भी

67 वर्षीय रामपाल और उसके अनुयायी नवम्बर, 2014 में गिरफ्तारी के बाद से जेल में बंद थे.

स्‍वयं भू बाबा रामपाल को उम्रकैद की सजा सुनाई गई. फाइल फोटो

नई दिल्‍ली/हिसार : हिसार की एक सत्र अदालत ने आज (16 अक्‍टूबर) हत्या के दो मामलों और अन्य अपराधों में सतलोक आश्रम के स्वयं-भू बाबा रामपाल को उम्रकैद की सजा सुनाई है. उनके अलावा 14 अन्‍य दोषियों को भी उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. साथ ही सभी दोषियों पर 1-1 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. सभी को हत्‍या और बंधक बनाने के मामले में सजा का ऐलान हुआ है. इससे जुड़े एक अन्‍य मामले में 17 अक्‍टूबर को भी सजा का ऐलान संभव है.

मंगलवार को सजा के ऐलान को देखते हुए पुलिस ने हिसार और आसपास के इलाकों में सुरक्षा व्‍यवस्‍था भी कड़ी कर दी है. बता दें कि 11 अक्‍टूबर को हिसार के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश डीआर चालिया ने हत्या के दो मामलों और अन्य अपराधों में रामपाल समेत 29 लोगों को दोषी ठहराया था. न्यायाधीश चालिया ने हिसार जिला जेल के अंदर एक अस्थायी अदालत में लगभग चार वर्ष तक चली सुनवाई के बाद अपना निर्णय सुनाया था.

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सुरक्षा व्‍यवस्‍था कड़ी की गई है. फोटो ANI

67 वर्षीय रामपाल और उसके अनुयायी नवम्बर, 2014 में गिरफ्तारी के बाद से जेल में बंद थे.रामपाल और उसके अनुयायियों के खिलाफ बरवाला पुलिस थाने में 19 नवम्बर, 2014 को दो मामले दर्ज किए गए थे. पहला मामला दिल्ली में बदरपुर के निकट मीठापुर के शिवपाल की शिकायत पर जबकि दूसरा मामला उत्तर प्रदेश में ललितपुर जिले के सुरेश ने दर्ज कराया था.

दोनों ने रामपाल के आश्रम के अंदर अपनी पत्नियों की हत्या की शिकायत की थी. उन्होंने आरोप लगाया था कि दोनों महिलाओं को कैद करके रखा गया और बाद में उनकी हत्या कर दी गई. हत्या के आरोपों के अलावा इन पर लोगों को गलत तरीके से बंधक बनाने का आरोप लगाया गया था.

पुलिस जब आश्रम के अंदर मौजूद रामपाल को गिरफ्तार करने जा रही थी तो उसके लगभग 15 हजार अनुयायियों ने 12 एकड़ जमीन में फैले आश्रम को घेर लिया था ताकि स्वयं-भू बाबा की गिरफ्तारी नहीं हो सके. स्वयं-भू बाबा के अनुयायियों की हिंसा के कारण छह लोगों की मौत हो गई थी.

इस बीच हिसार जिला प्रशासन ने सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किए हैं ताकि रामपाल को सजा सुनाए जाने के बाद जिले में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति को कायम रखा जा सके. पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने बताया कि जिले के विभिन्न स्थानों पर चार हजार से अधिक पुलिसकर्मियों के अलावा, त्वरित कार्रवाई बल (आरएएफ) और अद्धसैनिक बलों को तैनात किया गया है.

पुलिस और अद्धसैनिक बलों ने शहर के विभिन्न भागों में बुधवार की शाम को फ्लैग मार्च भी निकाला था. जिला मजिस्ट्रेट अशोक कुमार मीणा ने सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा भी लागू की है जो कम से कम 17 अक्टूबर तक प्रभावी रहेगी.

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