AAP की रणनीति : केंद्र पर हमलों की कमान सिसोदिया ने संभाली, केजरीवाल हटे पीछे
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AAP की रणनीति : केंद्र पर हमलों की कमान सिसोदिया ने संभाली, केजरीवाल हटे पीछे

पार्टी के एक नेता ने कहा कि आप की आवाज के रूप में सिसोदिया का उभार एक सुनियोजित रणनीति का हिस्सा है.

सीएम अरविंद केजरीवाल डिप्टी और सीएम मनीष सिसोदिया (फाइल फोटो)

नई दिल्ली:  आम आदमी पार्टी को आजकल एक नई आवाज मिल गई है. और यह आवाज मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल की नहीं , बल्कि उनके उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की है. केजरीवाल इस समय अधिकांशत : ‘ लो प्रोफाइल ’ में बने हुए हैं , वहीं उनके शिक्षा मंत्री ने दिल्ली सरकार की परेशानियों को उठाने और केंद्र पर हमलों की अगुवाई करने का जिम्मा उठा रखा है. वह खासतौर पर एक हफ्ते से अधिक समय से काफी सक्रिय हैं.

  1. केजरीवाल इस समय अधिकांशत : ‘ लो प्रोफाइल ’ में बने हुए हैं
  2. सिसोदिया ही केंद्र सरकार पर हमला बोल रहे हैं
  3. सिसोदिया खासतौर पर एक हफ्ते से अधिक समय से काफी सक्रिय हैं

पार्टी के एक नेता ने कहा कि आप की आवाज के रूप में सिसोदिया का उभार एक सुनियोजित रणनीति का हिस्सा है. पंजाब और गोवा में आप का सही प्रदर्शन न होने के बाद पार्टी में बहुत से लोग मानने लगे कि केजरीवाल के दांव उल्टे पड़ गए. अब मोदी पर केजरीवाल के हमले उतने आक्रामक नहीं रहे जितना कि वे होते थे. 

सिसोदिया केंद्र पर कर रहे हैं हमले
उपराज्यपाल को तानाशाह करार देने और उन पर समानांतर सरकार चलाने से लेकर दिल्ली सरकार के सलाहकारों को हटाने के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तीन पन्नों की चिट्ठी लिखने तक , केजरीवाल की जगह सिसोदिया ही केंद्र पर हमलों का काम कर रहे हैं. यहां तक कि सिसोदिया ने एक संवाददाता सम्मेलन भी किया और मोदी सरकार पर आरोप लगाए. लेकिन पार्टी नेताओं का कहना है कि दोनों ( केजरीवाल और सिसोदिया ) कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रहे हैं. 

पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने नाम उजागर न करने की शर्त पर कहा , ‘‘ जब एक प्रबुद्ध निर्णय किया गया कि केजरीवाल अपने हमलों को धीमा करेंगे तो ऐसे में किसी को वह भूमिका निभानी थी. तथा मनीष सिसोदिया से बेहतर यह कोई और नहीं कर सकता था. ’’ 

वरिष्ठ नेता ने कहा , ‘‘ दोनों ( केजरीवाल और सिसोदिया ) के बीच नजदीकी का स्तर यह है कि जब उन्हें कोई कठिन निर्णय लेना होता है और वे शब्दों के आदान - प्रदान की स्थिति में नहीं होते तो वे एक - दूसरे को देखते हैं और संदेश चला जाता है. ’’

शिक्षा और स्वास्थ्य के मोर्चे पर काम कर रहे हैं सिसोदिया
सिसोदिया के उभार का एक और कारण है. आप सरकार शिक्षा तथा स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधारों पर ध्यान केंद्रित कर रही है और सिसोदिया दोनों ही मोर्चों पर आगे हैं ... शिक्षा मंत्री के रूप में वह सरकारी स्कूलों में सुधार की कवायद कर रहे हैं तो वित्त मंत्री के रूप में वह आप के मोहल्ला क्लिनिकों के लिए धन दे रहे हैं. 

केजरीवाल के दाएं हाथ माने जाने वाले सिसोदिया को उनके वफादार के रूप में देखा जाता है. आप के एक अन्य नेता ने कहा , ‘‘ केजरीवाल को उनसे ( सिसोदिया ) खतरा नहीं है , न ही सिसोदिया के साथ उनका कोई मुद्दा है. ’’ 

(इनपुट - भाषा)

 

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