एक साल पहले रास्ते पर छोड़ कर चली गई थी सगी मां, अब 'स्पेन की मां' ने अपनाया
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एक साल पहले रास्ते पर छोड़ कर चली गई थी सगी मां, अब 'स्पेन की मां' ने अपनाया

ऐना को हीर गोद देने की प्रक्रिया पूरी करने वाले अहमदाबाद के कलेक्टर विक्रांत पाण्डे ने कहा की यहां घटना दर्शाती है की विदेश में रहने वाले लोग भारत के प्रति कितना आदर और लगाव रखते है.

ऐना ने कहा कि हीर का स्पेन से भारत आने का जब भी मन होगा में उसे वापस आने दूंगी. उसे वह से वापस भारत आना और न आना उस पर ही निर्भर होगा

गौरव पटेल ,निर्मल त्रिवेदी, अहमदाबादः गुजरात के अहमदाबाद के बल संरक्षण गृह की एक बेटी को अपना घर मिल गया है. 2017 में मासूम हीर को अहमदाबाद के रास्ते पर उसकी मां छोड़ कर चली गयी, तब से हीर शिशु गृह में रहती थी, लेकिन अब हीर स्पेन में रहेगी, क्यों कि स्पेन की रहने वाली ऐना ने हीर को पूरी तरह से भारतीय रीति रिवाज के साथ गोद लिया है, एना रो पड़ी जब उससे पूछा गया कि लड़की ही क्यों और व्हो भी भारतीय, ऐना अब सिंगल मदर बनी है और पेशे से टीचर है. हीर को गोद लेने के बात पूछे जाने के बारे में जब एना को पूछा गया तो उसने बताया की जब वो पच्चीस साल की थी तब ही उनके मन में आया था की वो किसी बच्ची को गोद ले. लेकिन उस समय न मेरे पास नौकरी थी न किसी तरह की कोई व्यवस्था थी की में बच्ची को गोद ले सकूं. और बच्ची का भरण पोषण कर सकूं.

उन्होंने कहा, '2015 में फिर एक बार भारत आई और बच्ची को गोद लेने की प्रक्रिया शुरू की, अब जाकर 3 साल बाद में हीर को गोद ले पा रही हूं. भारत में गोद लेने की प्रक्रिया काफी सरल है और भारत के लोगों को देखकर मुझे ये इच्छा हुई थी की कोई भारतीय बेटी को ही गोद लूंगी. ' 

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ऐना ने कहा कि हीर का स्पेन से भारत आने का जब भी मन होगा में उसे वापस आने दूंगी. उसे वह से वापस भारत आना और न आना उस पर ही निर्भर होगा. बेटा नहीं बेटी को ही गोद लेने की बात पूछे जाने पर ऐना ने कहा, 'बेटियां ज्यादा स्मार्ट होती है. और बेटियां परिवार को अच्छी तरीके से समझ सकती है. जब मैं बूढी हो जाउंगी तब हीर मेरा सहारा बनेगी.'

ऐना ने कहा की दुनिया के कई देश है लेकिन भारत से उनका प्रेम और आदर अलग ही है ,इसी वजह से उन्होंने भारत से बेटी गोद ली है. भारत में अनाथ बच्चे ज्यादा है और उन्हें गोद लेने वाले लोगों की कमी है. मेरे भारत से बेटी लेने की घटना भारतीय लोगों में भी बच्चे गोद लेने की प्रेरणा बनेगी. यह प्रसंग बल संरक्षण गृह के लिए काफी बड़ा दिन था. क्यों की यहां की बेटी को अपना परिवार मिल गया. इस प्रसंग पर संरक्षण गृह के प्रमुख सीके पटेल ने कहा की आज का दिन हमारे लिए बहुत ही शुभ है. आज दिन तक हमारी संस्था से 84 बच्चों को गोद लिया जा चुका है. जो की भारतीय या भारतीय मूल के परिवारों द्वारा बच्चों को गोद लिया गया था. लेकिन यह पहली घटना है जहां विदेशी मूल की महिला ने हमारी संस्था से किसी बेटी को गोद लिया है.

उनको पूरा भरोसा है की हीर के संस्कार देश का सिर ऊंचा करेंगे हीर बड़ी होकर भारत आये और उसके जीवन में अपार खुशियों का आगमन हो. ऐना को हीर गोद देने की प्रक्रिया पूरी करने वाले अहमदाबाद के कलेक्टर विक्रांत पाण्डे ने कहा की यहां घटना दर्शाती है की विदेश में रहने वाले लोग भारत के प्रति कितना आदर और लगाव रखते है. हीर का पालन अच्छे तरीके से हो उसका ध्यान रखने की तादिक दी गयी है आज हीर के पास बायलोजिकल पेरेंट नहीं होने के बावजूद भी हीर और ऐना के बिच का अद्भत प्रेम देखकर काफी खिशी महसूस हो रही है.    

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