यशवंत सिन्हा बोले, 'प्रवासियों की रक्षा की जिम्मेदारी गुजरात सरकार की'
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यशवंत सिन्हा बोले, 'प्रवासियों की रक्षा की जिम्मेदारी गुजरात सरकार की'

यशवंत सिन्हा ने कहा,‘मैं किसी को जिम्मेदार नहीं ठहराना चाहता. लेकिन कानून व्यवस्था बनाए रखना राज्य की जिम्मेदारी है. 

यशवंत सिन्हा ने कहा,‘जिस तरह लोग गुजरात छोड़ रहे हैं, वह गुजरात के लिए पूरी तरह अवांछनीय है. पूरे समुदाय और समूह को किसी एक के कुकृत्य के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जाना चाहिए. (फाइल फोटो)

अहमदाबाद: पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने मंगलवार को कहा कि गुजरात की भाजपा सरकार को बलात्कार की एक घटना के बाद हिंदीभाषी प्रवासी श्रमिकों पर हो रहे हमलों को रोकने के लिए सक्रियता से कदम उठाना चाहिए था.

खासकर बिहार, उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश के प्रवासी श्रमिकों पर हमले के बाद उनके गुजरात से चले जाने के बारे में पूछे जाने पर सिन्हा ने कहा कि किसी एक व्यक्ति के कुकृत्य के लिए पूरे समुदाय को जिम्मेदार नहीं ठहराया जाना चाहिए.

साबरकांठा में 14 महीने की एक लड़की से कथित रुप से बलात्कार करने को लेकर बिहार के एक मजदूर को 28 सितंबर को गिरफ्तार किये जाने के बाद गुजरात में हिंदी भाषी लोगों पर हमला शुरु हो गया. 

सिन्हा ने कहा,‘मैं किसी को जिम्मेदार नहीं ठहराना चाहता. लेकिन कानून व्यवस्था बनाए रखना राज्य की जिम्मेदारी है. राज्य सरकार को इन प्रवासियों को सुरक्षित महसूस करने देने और हमलों से बचाने के लिए उन्हें पुलिस सुरक्षा देनी चाहिए थी.’

उन्होंने कहा,‘जिस तरह लोग गुजरात छोड़ रहे हैं, वह गुजरात के लिए पूरी तरह अवांछनीय है. पूरे समुदाय और समूह को किसी एक के कुकृत्य के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जाना चाहिए. उत्तर भारतीयों ने गुजरात के विकास में काफी योगदान दिया है.’ 

नौकरशाह से नेता बने सिन्हा ने कहा कि सरकार को उन प्रवासियों को वापस लाने का प्रयास करना चाहिए जो डर के मारे गुजरात से चले गये हैं.

उन्होंने कहा,‘गुजरात का उत्तर भारत के साथ विशेष संबंध है. गांधीजी गुजरात से पहले प्रवासी थे जो राजनीतिक कार्यकर्ता के तौर पर चंपारण गये और वहां उन्होंने सत्याग्रह चलाया. इसी प्रकार हमारे प्रधानमंत्री वाराणसी से सांसद हैं.’ सिन्हा के साथ भाजपा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा और सपा प्रवक्ता घनश्याम तिवारी भी थे.

(इनपुट - भाषा)

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