नहीं रहे भाजपा के रणनीतिकार अनिल माधव दवे, दिग्विजय सिंह को किया था सत्ता से बाहर
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नहीं रहे भाजपा के रणनीतिकार अनिल माधव दवे, दिग्विजय सिंह को किया था सत्ता से बाहर

लंबे समय तक संघ के सदस्य रहे पर्यावरण मंत्री अनिल माधव दवे का गुरुवार (18 मई) को यहां निधन हो गया. 

भाजपा के रणनीतिकार अनिल माधव दवे को श्रद्धांजलि देते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी. (ट्विटर फोटो)

नई दिल्ली: लंबे समय तक संघ के सदस्य रहे पर्यावरण मंत्री अनिल माधव दवे का गुरुवार (18 मई) को यहां निधन हो गया. वह 60 वर्ष के थे. दवे वर्ष 2003 में कांग्रेस के दिग्गज नेता और मध्य प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को सत्ता से बाहर करने के वास्ते अहम रणनीति बनाने के लिए जाने जाते हैं. आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक मध्य प्रदेश से दो बार राज्यसभा के सदस्य रहे दवे ने गुरुवार सुबह अपने घर पर बेचैनी की शिकायत की जिसके बाद उन्हें एम्स ले जाया गया. वहां उनका निधन हो गया. दवे के निधन की खबर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट के जरिए दी, जिसमें उन्होंने लिखा कि बुधवार (17 मई) देर शाम तक वह दवे के साथ नीतिगत मुद्दों पर चर्चा कर रहे थे. दवे अविवाहित थे.

मोदी ने ट्वीट में कहा, ‘अपने मित्र एवं सम्मानित सहकर्मी पर्यावरण मंत्री अनिल माधव दवे जी के आकस्मिक निधन से सदमे में हूं. मैं संवेदनाएं व्यक्त करता हूं. उनका निधन एक निजी क्षति है.’ इस बीच एम्स के एक वरिष्ठ चिकित्सक ने बताया, ‘मंत्री (दवे) को सुबह आठ बजकर 50 मिनट पर एम्स लाया गया. उन्हें दिल का दौरा पड़ा था. उन्हें होश में लाने की तमाम कोशिशें की गई.’ 

उन्होंने बताया, ‘नौ बजकर 45 मिनट पर उन्हें मृत घोषित कर दिया गया.’ सूत्रों ने बताया कि दवे का पार्थिव शरीर सफदरजंग मार्ग स्थित उनके आवास पर ले जाया जाएगा जहां कुछ घंटे के लिए रखा जाएगा. फिर उनके पार्थिव शरीर को इंदौर ले जाया जाएगा जहां मंत्री के भाई रहते हैं.

केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडु, नरेंद्र सिंह तोमर, पीयूष गोयल, धर्मेंद्र प्रधान, थावर चंद गहलोत, हषर्वर्धन और भाजपा के अन्य वरिष्ठ नेता एम्स पहुंच गए. दवे को पिछले वर्ष पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन विभाग का स्वतंत्र प्रभार मिला था. वह वर्ष 2003 में मध्य प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को हराने के लिए रणनीति बनाकर चर्चा में आए थे.

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने उनके आकस्मिक निधन पर शोक जताया. प्रधानमंत्री ने कहा कि दवे को एक समर्पित लोकसेवक के तौर पर याद किया जाएगा, जो पर्यावरण संरक्षण के प्रति बेहद जुनूनी थे.

गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि मंत्री के निधन की खबर से वह दुखी हैं. राजनाथ ने कहा, ‘दवे पर्यावरण से जुड़े मुद्दों को लेकर काफी सक्रिय और संवदेनशील थे. काम के प्रति उनका समर्पण सराहनीय है. दवे के परिवार के सदस्यों के प्रति मेरी संवदेनाएं.’ वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भी दवे के निधन पर दुख जताया.

भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि भारतीय राजनीति और पर्यावरण संरक्षण में दवे का योगदान असाधारण रहा है. उन्होंने कई ट्वीट किए जिनमें कहा, ‘हमारे वरिष्ठ नेता अनिल माधव दवे जी के आकस्मिक निधन से गहरे दुख और शोक में हूं. उनके परिजनों और दोस्तों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं.’ उन्होंने आगे लिखा, ‘उनका संगठनात्मक कौशल और जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं के साथ उनका जुड़ाव बेमिसाल था. वह मुझसे हमेशा गर्मजोशी और चेहरे पर मुस्कान लिए मिलते थे.’ 

केंद्रीय कानून और आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने दवे को ‘बहुमूल्य सहयोगी और एक बेहतरीन सांसद बताया जो पर्यावरण तथा सतत विकास के लिए समर्पित था.' भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने कहा कि दवे ‘समर्पित तथा जुनूनी पर्यावरणविद और पर्यावरण संरक्षण के समर्थक थे जिन्होंने जनसेवा के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया था.’ गृह राज्यमंत्री किरण रिजीजू ने उन्हें ‘सज्जन व्यक्ति और अच्छे इनसान की सटीक परिभाषा बताया.’ और कहा कि उन्हें ‘उस मुस्कुराती शख्सियत की कमी हमेशा खलेगी.’ विज्ञान एवं तकनीक मंत्री हषर्वर्धन ने उन्हें ‘उत्कृष्ट बुद्धिजीवी’ बताया.

सूचना एवं प्रसारण राज्यमंत्री राज्यवर्धन राठौर ने उन्हें ‘कर्मठ कार्यकर्ता और एक बेहतरीन इनसान’ बताया. कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने भी मंत्री को श्रद्धांजलि अर्पित की. उन्होंने ट्वीट किया, ‘केंद्रीय मंत्री अनिल माधव दवे जी के आकस्मिक निधन के बारे में जानकर बेहद दुख पहुंचा. नर्मदा के संरक्षण के लिए उन्होंने अथक काम किया.’

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