सुब्रत रॉय को बड़ी राहत, सुप्रीम कोर्ट ने सहारा प्रमुख का पैरोल 11 जुलाई तक बढ़ाया
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सुब्रत रॉय को बड़ी राहत, सुप्रीम कोर्ट ने सहारा प्रमुख का पैरोल 11 जुलाई तक बढ़ाया

अपनी मां छवि रॉय के निधन पर तिहाड़ जेल से पैरोल पर बाहर आए सहारा समूह प्रमुख सुब्रत रॉय का पैरोल सुप्रीम कोर्ट ने 11 जुलाई तक बढ़ा दिया है।

सुब्रत रॉय को बड़ी राहत, सुप्रीम कोर्ट ने सहारा प्रमुख का पैरोल 11 जुलाई तक बढ़ाया

नई दिल्ली: अपनी मां छवि रॉय के निधन पर तिहाड़ जेल से पैरोल पर बाहर आए सहारा समूह प्रमुख सुब्रत रॉय का पैरोल सुप्रीम कोर्ट ने 11 जुलाई तक बढ़ा दिया है।

सुब्रत रॉय को देश में कहीं भी जाने की छूट होगी। उन्हें दिल्ली पुलिस कमिश्नर को बताकर बाहर जाना होगा। अब सुब्रत रॉय 11 जुलाई तक जेल से बाहर रह पायेंगे। उनकी निगरानी में पुलिसकर्मी रहेंगे साथ ही सुब्रत रॉय को 11 जुलाई तक 200 करोड़ रुपये भी जमा करने होंगे।

गौरतलब है कि  सुब्रत रॉय सहारा सहारा दो साल बाद जेल से बाहर आए थे सुब्रत राय को उनकी मां के अंतिम संस्कार के लिए 4 हफ्तों का पैरोल मिला था। सुब्रत रॉय की मां छवि रॉय की पांच मई की देर रात मृत्यु हो गई थी। सहारा ने मां के अंतिम संस्कार और बाकी धार्मिक कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए 3 हफ्तों के पैरोल के लिए सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दी थी।

इससे पहले सुब्रत रॉय सहारा की मां 95 वर्षीय छबि राय का पार्थिव शरीर शनिवार को पंचतत्व में विलीन हो गया। उनकी अत्येष्टि पूरे धार्मिक विधान के साथ गोमती किनारे स्थित बैकुण्ठ धाम में संपन्न हुई।

गौरतलब है कि सहारा के निवेशकों को पैसे नहीं लौटाने की वजह से सुब्रत राय बीते दो साल से दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं। 29 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने सेबी और कैपिटल मार्केट रेग्युलेटर सिक्यॉरिटीज से सहारा की संपत्तियों की बिक्री करने को कहा था।

सहारा प्रमुख सुब्रत राय की रिहाई के लिए जमानत राशि जुटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने सेबी से सहारा समूह की 87 संपत्ति की बिक्री की प्रक्रिया शुरू करने को कहा, जिसके मालिकाना हक के कागज नियामक के पास हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने रॉय और सहारा समूह के निदेशक अशोक रॉय चौधरी से इस बारे में व्यक्तिगत हलफनामा दायर करने को कहा कि वे इस प्रयास में गंभीर हैं। SC ने कहा कि यदि वे 11 जुलाई तक सेबी को 200 करोड़ रुपए जमा करने में विफल रहते हैं तो उन्हें समर्पण करना होगा और वापस तिहाड़ जेल जाना होगा।

न्यायालय के आदेश के मुताबिक वे छह मई के आदेश के अनुसार संपत्तियों के प्रत्याशित क्रेताओं से मिलने और देश में पुलिस सुरक्षा में घूमने को स्वतंत्र हैं।

 

 

 

 

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