नोटबंदी पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, ग्रामीण इलाकों में कैश की कमी पर केंद्र दे सकता है जवाब
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नोटबंदी पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, ग्रामीण इलाकों में कैश की कमी पर केंद्र दे सकता है जवाब

सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को नोटबंदी के मसले पर सुनवाई होगी। नोटबंदी के बाद ग्रामीण इलाकों में नकदी की कमी को लेकर केंद्र सरकार आज जवाब दे सकती है। बता दें कि शीर्ष कोर्ट ने नोटबंदी के बाद असुविधा कम करने के लिये किये गये उपायों को लेकर केन्द्र से विवरण मांगा है। पीठ ने इस मामले की अगली सुनवाई पांच दिसम्बर को तय की।

नोटबंदी पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, ग्रामीण इलाकों में कैश की कमी पर केंद्र दे सकता है जवाब

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को नोटबंदी के मसले पर सुनवाई होगी। नोटबंदी के बाद ग्रामीण इलाकों में नकदी की कमी को लेकर केंद्र सरकार आज जवाब दे सकती है। बता दें कि शीर्ष कोर्ट ने नोटबंदी के बाद असुविधा कम करने के लिये किये गये उपायों को लेकर केन्द्र से विवरण मांगा है। पीठ ने इस मामले की अगली सुनवाई पांच दिसम्बर को तय की।

सुप्रीम कोर्ट ने बीती सुनवाई में केंद्र से कहा था कि वह विमुद्रीकरण के बाद से ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों, जो अधिकतर सहकारी बैंकों पर भी निर्भर है, को हो रही परेशानी और असुविधा कम करने के लिए किये गये उपायों का विवरण की जानकारी दे। प्रधान न्यायाधीश तीरथ सिंह ठाकुर और न्यायमूर्ति धनंजय वाई चंद्रचूड की पीठ ने नोटबंदी के विभिन्न पहलुओं को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान सरकार से इसकी जानकारी मांगी। पीठ ने कहा कि सभी पक्षों को मिल बैठकर उन मामलों की श्रेणीबद्ध करके एक सूची तैयार करनी चाहिए जिन्हें उच्च न्यायालय को भेजा जा सकता है और जिन पर उच्चतम न्यायालय में सुनवाई हो सकती है।

केन्द्र सरकार की ओर से अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा कि सरकार सहकारी बैंकों में स्थिति से अवगत है जहां अनुसूचित बैंकों की तुलना में उचित आधारभूत ढांचे और तंत्र की कमी है। उन्होंने कहा कि केंद्र की ओर से दायर अतिरिक्त हलफनामे का पूरा चैप्टर सहकारी बैंकों के मुद्दे को समर्पित है। ऐसा नहीं है कि हम स्थिति से अवगत नहीं है लेकिन इनमें (सहकारी बैंकों में) अनुसूचित बैंकों की तुलना में उचित सुविधाओं, तंत्र और उचित आधारभूत ढांचे की कमी है। उन्होंने कहा कि सरकार ने जानबूझकर सहकारी बैंकों को इस अभियान से बाहर रखा है क्योंकि इनके पास नकली मुद्रा की पहचान करने की विशेषज्ञता नहीं है। रोहतगी ने कहा कि नोटबंदी के बाद विभिन्न पहलुओं को लेकर प्रत्येक गुजरने वाले दिन कई मामले विभिन्न उच्च न्यायालयों में दायर होते हैं तथा केरल, कोलकाता, जयपुर और मुम्बई में मामलों से एकसाथ निपटना संभव नही हैं। इन सभी मामलों को साथ जोड़कर उन्हें किसी एक उच्च न्यायालय या उच्चतम न्यायालय के समक्ष भेजा जाना चाहिए।

सहकारी बैंकों के लिए पेश होने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता पी चिदंबरम ने सरकार के निर्णय पर सवाल उठाया और कहा कि सहकारी बैंकों को शामिल नहीं करने से ग्रामीण अर्थव्यवस्था लगभग पंगु हो गई है।। वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने एक याचिकाकर्ता के लिए पेश होते हुए कहा कि वे एकसाथ बैठक करेंगे और श्रेणियों की सूची सोमवार तक दायर करेंगे। पीठ ने इसके बाद मामले की अगली सुनवायी पांच दिसम्बर तय कर दी। अदालत 1000 और 500 रुपये के पुराने नोट चलन से बाहर करने के निर्णय की संवैधानिक वैधता को चुनौती देते हुए तथा इससे आम लोगों को होने वाली परेशानियों को लेकर दायर विभिन्न याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी। अदालत ने अटॉर्नी जनरल से कहा था कि वह नोटबंदी के चलते उत्पन्न होने वाली स्थिति को आसान करने के लिए ‘शुरू योजनाओं एवं उठाये गए कदमों’ के बारे में बताते हुए एक अतिरिक्त हलफनामा दायर करें।

केंद्र हाल में यह मांग करते हुए उच्चतम न्यायालय पहुंचा था कि विभिन्न उच्च न्यायालयों में लंबित सभी याचिकाओं को या तो उच्चतम न्यायालय या किसी एक उच्च न्यायालय स्थानांतरित कर दिया जाए। केंद्र की ओर से दायर अतिरिक्त हलफनामे में आठ नवम्बर को नोटबंदी अधिसूचना के बाद स्थिति को सामान्य करने के लिए उठाये गए कदमों को रेखांकित करते हुए कहा गया है कि नये नोटों के अनुरूप परिवर्तित किये गए एटीएम की संख्या दिन पर दिन बढ़ रही है और सरकार किसानों को दिये जाने वाले अनुदान की निगरानी कर रही है। उसने अदालत को बताया था कि सरकार अभियान के दौरान दी गई विभिन्न छूटों की भी निगरानी कर रही है और पेट्रोल पंप पर 500 रुपये के पुराने नोट नहीं लिये जाएंगे क्योंकि डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल में तेजी आ रही है।

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