सर्जिकल स्ट्राइक को रात के वक्त ही क्यों अंजाम दिया जाता है?
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सर्जिकल स्ट्राइक को रात के वक्त ही क्यों अंजाम दिया जाता है?

देश और दुनिया में इस वक्त भारत के सीमा पार किए गए सर्जिकल स्ट्राइक की चर्चा हो रही है। जम्मू- कश्मीर के उरी बेस कैंप में हुए आतंकी हमले में शहीद हुए 19 जवानों की मौत का बदला भारतीय सेना ने ले लिया है। भारतीय सेना ने एलओसी के भीतर घुसकर 7 आतंकी ठिकानों को नेस्तोनाबूद कर 38 आतंकियों को मार गिराया।

फाइल फोटो- प्रतीकात्मक

नई दिल्ली: देश और दुनिया में इस वक्त भारत के सीमा पार किए गए सर्जिकल स्ट्राइक की चर्चा हो रही है। जम्मू- कश्मीर के उरी बेस कैंप में हुए आतंकी हमले में शहीद हुए 19 जवानों की मौत का बदला भारतीय सेना ने ले लिया है। भारतीय सेना ने एलओसी के भीतर घुसकर 7 आतंकी ठिकानों को नेस्तोनाबूद कर 38 आतंकियों को मार गिराया।

भारतीय सेना ने सर्जिकल ऑपरेशन के लिए रात का वक्त चुना। सेना का यह गोपनीय ऑपरेशन रात साढे 12 से सुबह साढे चार बजे तक चला। रिपोर्ट के मुताबिक ऐसा इसलिए किया गया ताकि रात के अंधेरे में दुश्मन उन्हें पहचान न सकें, पहचान छुपाने के लिए सर्जिकल ऑपरेशन हमेशा रात के वक्त ही अंजाम दिया जाता है।

सर्जिकल ऑपरेशन के लिए सेना रात का ही वक्त चुनती है। क्योंकि रात के अंधेरे में ऑपरेशन में किसी भी तरह की दिक्कत या बाधा की संभावना बहुत ही कम होती है। सेना के ऑपरेशन में आम जनता की सुरक्षा को लिहाज में रखकर इसे रात के वक्त ही अंजाम दिया जाता है।

गौर हो कि वर्ष 2011 में पाकिस्तान के ऐबटाबाद में अमेरिका ने अल-कायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन को मारने का ऑपरेशन (अमेरिकी कमांडो ने) रात में ही अंजाम दिया था। ओसामा बिन लादेन को मारने की खबर सुबह आई जब अमेरिकी कमांडो रात में अपना काम कर वापस लौट चुके थे।

 

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