जयललिता का एक्टिंग से पॉलिटिक्‍स में आने का सफर
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जयललिता का एक्टिंग से पॉलिटिक्‍स में आने का सफर

तमिलनाडु की मुख्यमंत्री रह चुकीं जयललिता राजनीति में आने से पहले एक लोकप्रिय अभिनेत्री थीं और उन्होंने तमिल, तेलुगू, कन्नड़ फिल्मों के अलावा एक हिंदी फिल्म में भी काम किया है। अभिनय के क्षेत्र से राजनीति में आने का उनका सफर काफी दिलचस्‍प एवं चुनौतीपूर्ण भी रहा।

फाइल फोटो

नई दिल्‍ली : तमिलनाडु की मुख्यमंत्री रह चुकीं जयललिता राजनीति में आने से पहले एक लोकप्रिय अभिनेत्री थीं और उन्होंने तमिल, तेलुगू, कन्नड़ फिल्मों के अलावा एक हिंदी फिल्म में भी काम किया है। अभिनय के क्षेत्र से राजनीति में आने का उनका सफर काफी दिलचस्‍प एवं चुनौतीपूर्ण भी रहा।

तमिलनाडु की मुख्यमंत्री रहीं एवं अन्नाद्रमुक की महासचिव जे. जयललिता का एआईएडीएमके से बेहद खास लगाव रहा और पार्टी को उन्‍होंने एक नई दिशा दी। जयललिता के समर्थक उन्हें 'अम्मा' कहकर पुकारते हैं। ज्ञात हो कि उन्होंने सिनेमा को अलविदा कहकर राजनीतिक दुनिया में कदम रखा था।

वैसे कहा जाता है कि एमजी रामचंद्रन ही जयललिता को राजनीति में लाए। जयललिता ने तमिलनाडु से राज्यसभा के लिए प्रतिनिधित्व किया था, लेकिन रामचंद्रन की मौत के बाद उन्होंने खुद को उनकी विरासत का वारिस घोषित कर दिया।

करुणानिधि की पार्टी द्रमुक से टूटने के बाद एमजीआर ने अन्नाद्रमुक का गठन किया था। साल 1983 में एमजीआर ने जयललिता को पार्टी का सचिव नियुक्त किया और इसके बाद राज्यसभा के लिए मनोनित किया था।

जयललिता का जन्म एक तमिल परिवार में 24 फरवरी 1948 को हुआ। वह पुराने मैसूर राज्य जो कि अब कर्नाटक का हिस्सा है के मांड्या जिले के पांडवपुरा तालुक के मेलुरकोट गांव में पैदा हुई थीं। उनके दादा तत्कालीन मैसूर राज्य में एक सर्जन थे। महज 2 साल की उम्र में उनके पिता की मौत हो गई थी। पिता की मौत के बाद जयललिता की मां उन्हें बेंगलुरु लेकर चली आईं, जहां उन्होंने तमिल सिनेमा में काम करना शुरू कर दिया।

जब वह स्कूल में पढ़ रही थीं तभी उनकी मां ने उन्हें फिल्मों में काम करने के लिए राजी कर लिया। और इसी दौरान उन्होंने एक अंग्रेजी फिल्म में काम किया। 15 साल की उम्र में वह कन्नड़ फिल्मों में मुख्‍य अभिनेत्री की भूमिकाएं करने लगीं थीं।

इसके बाद उन्‍होंने तमिल फिल्मों में भी दस्‍तक दी। अभिनेता शिवाजी गणेशन के साथ भी फिल्में करके उन्होंने खूब प्रसिद्धि बटोरी। हिंदी फिल्मों के प्रसिद्ध अभिनेता धर्मेंद्र के साथ भी उन्‍होंने काम किया।

जनता के बीच अपनी मजबूत पकड़ बनाने के बाद जयललिता पहली बार साल 1991 में तमिलनाडु की मुख्यमंत्री बनीं, हालांकि 1996 में उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा। बाद में जयललिता पर आय से अधिक संपत्ति रखने के मामले में केस चला, जिसमें वह दोषी भी पाई गईं। बेंगलुरु की अदालत ने जयललिता को चार साल की सजा सुनाई।

2001 में फिर एक बार मुख्यमंत्री बनने में सफल हुईं। भ्रष्टाचार के मामलों और कोर्ट से सजा होने के बावजूद वह अपनी पार्टी को चुनावों में जिताने में कामयाब रहीं। उन्होंने गैर चुने हुए मुख्यमंत्री के तौर पर कुर्सी संभाली, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उनकी नियुक्ति को अवैध घोषित कर दिया। इसके बाद उन्होंने अपनी कुर्सी अपने विश्वसनीय मंत्री ओ पन्नीरसेल्वम को सौंप दी।

जब उन्हें मद्रास हाईकोर्ट से कुछ राहत मिली तो वह मार्च 2002 में फिर से मुख्यमंत्री बन गईं। इसके बाद वह 2011 में भी मुख्‍यमंत्री बनीं। तब से वह राज्य की मुख्यमंत्री हैं। गरीबों के लिए योजनाएं शुरू करके वह आम लोगों में काफी पॉपुलर हो गईं। जयललिता के जीवन पर बनी एक तमिल फिल्म 'इरूवर' आई थी जिसमें जयललिता की भूमिका ऐश्वर्या राय ने निभाई थी।

जयललिता की लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उनके जन्मदिन के मौके पर हजारों लोगों ने अपने हाथों पर उनका टैटू गुदवाया। जयललिता का जन्मदिन 23 फरवरी को धूमधाम से मनाया जाता था। तमिलनाडु और देश के अन्य हिस्सों में भी लोग जयराम जयललिता (जिन्हें लोग अम्मा कहते हैं) को हमेशा ऐसी महिला के रूप में देखते हैं जो आक्रामक, कठोर और अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

तमिलनाडु के विधानसभा चुनाव में एआईडीएमके की जयललिता ने डीएमके प्रमुख करुणानिधि को हरा दिया और कुल 234 सीटों में से 126 सीटों पर जीत हासिल की थी। जीतने के बाद जयललिता ने कहा था कि मैं आखिरी सांस बाकी रहने तक लोगों की सेवा करूंगी।

यूं तो हर नेता खुद को जनता का सेवक कहता है, लेकिन वास्तविकता की दुनिया इन आदर्शों से परे है। कुछ एक विवादों के बावजूद दुनिया के सामने अम्मा की छवि बेहतर बनी रही।

 

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