तथागत रॉय ने अपने ट्वीट में कहा कि भारत में दाखिल होने वाले मुसलमान शरणार्थी नहीं हैं क्योंकि उन्होंने अपने देश में किसी भी प्रकार का उत्पीड़न नहीं सहा है.
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कोलकाता: त्रिपुरा के राज्यपाल तथागत रॉय ने मंगलवार को कहा कि एनआरसी के पूर्ण मसौदे को लेकर जो लोग शोर मचा रहे हैं उन्हें यूएनएचसीआर द्वारा शरणार्थियों के बारे में दी गई परिभाषा को पढ़ना चाहिए. उन्होंने आज सुबह अपने ट्वीट में कहा कि भारत में दाखिल होने वाले मुसलमान शरणार्थी नहीं हैं क्योंकि उन्होंने अपने देश में किसी भी प्रकार का उत्पीड़न नहीं सहा है.
रॉय की टिप्पणी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बयान के आलोक में आई है. राष्ट्रीय नागरिक पंजी के मसौदे से 40 लाख से अधिक लोगों को बाहर रखने पर चिंता प्रकट करते हुए बनर्जी ने सोमवार को कहा था कि वे सब भारतीय अपनी ही जमीन पर शरणार्थी हो गये हैं.
Those who are howling about the exclusion of people from the final draft of Assam NRC are advised to read the definition of the word ‘refugee’ given by United Nations High Commissioner for Refugees (UNHCR). Any old person crossing from his country to another is NOT a refugee 1/3
— Tathagata Roy (@tathagata2) July 31, 2018
लेकिन त्रिपुरा के राज्यपाल ने कहा कि रोजगार या आर्थिक मौके की तलाश में दूसरे देश से आ रहे लोग ‘घुसपैठिए’ हैं. उन्होंने ट्वीट किया, ‘असम एनआरसी से लोगों को बाहर रखने पर जो लोग शोर मचा रहे हैं उन्हें सलाह संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायुक्त द्वारा ‘शरणार्थी’ की दी गई परिभाषा पढ़ने की सलाह है. अपने देश से दूसरे देश में चला गया कोई भी बालिग व्यक्ति शरणार्थी नहीं है.’
Only those who flee their countries because of genuine fear of persecution because of religion,ethnicity,political belief etc are refugees. People entering another country in search of employment or economic opportunities are NOT refugees. They are INFILTRATORS 2/3
— Tathagata Roy (@tathagata2) July 31, 2018
पश्चिम बंगाल भाजपा के पूर्व अध्यक्ष रॉय ने कहा, ‘केवल वे ही व्यक्ति शरणार्थी हैं जो धर्म, जाति, राजनीतिक मान्यता आदि के चलते उत्पीड़न के असली डर से अपने देश से भाग जाते हैं.रोजगार या आर्थिक मौके की तलाश में दूसरे देश में जाने वाले लोग शरणार्थी नहीं हैं.’
As per UNHCR definition (which,for some reason,is still not formally accepted by Govt of India),Hindus,Sikhs,Christians and Buddhists fleeing Bangladesh & Pakistan are refugees. Muslims entering India ARE NOT REFUGEES,because they faced no persecution in their home countries 3/3
— Tathagata Roy (@tathagata2) July 31, 2018
उन्होंने कहा कि यूएनएचसीआर की परिभाषा,‘जिसे किन्हीं कारणों से भारत सरकार द्वारा अबतक औपचारिक रुप से स्वीकार नहीं किया गया है’ के अनुसार बांग्लादेश और पाकिस्तान से भाग रहे हिंदू, सिख, ईसाई और बौद्ध शरणार्थी हैं. रॉय ने ट्विटर पर लिखा, ‘भारत में प्रवेश कर रहे मुसलमान शरणार्थी नहीं हैं क्योंकि उन्होंने अपेन देशों में कोई उत्पीड़न नहीं सहा है. ’
असम में बहुप्रतीक्षित पूर्ण एनआरसी मसौदा कल जारी किया गया .उसमें 3.29 करोड़ आवेदकों में से 2.89 करोड़ के नाम हैं.