राजू ने लोकसभा में कहा, "आंध्र प्रदेश को आंध्र प्रदेश राज्य के अवशेष की स्थिति में पहुंचा दिया गया. राज्य के लोगों को एक ऐसी स्थिति में फेंक दिया गया है."
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नई दिल्ली: तेलुगू देशम (तेदेपा) के सांसद आशोक गजापति राजू ने गुरुवार (15 मार्च) को 'अवैज्ञानिक तरीके से और जल्दबाजी में आंध्र प्रदेश का विभाजन करने के लिए' कांग्रेस की निंदा की और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से कहा कि वह राज्य के प्रति किए गए अपने वादों को याद करे. आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा नही दिए जाने को अन्यायय बताते हुए पूर्व विमानन मंत्री राजू ने अपनी पार्टी के वाई.एस. चौधरी के साथ मोदी सरकार से इस्तीफा दे दिया था. राजू ने लोकसभा में कहा, "आंध्र प्रदेश को आंध्र प्रदेश राज्य के अवशेष की स्थिति में पहुंचा दिया गया. राज्य के लोगों को एक ऐसी स्थिति में फेंक दिया गया है, जहां वे संस्थाओं, आधारभूत ढांचे, पूंजी..से वंचित है. क्षेत्र में राज्य की प्रति व्यक्ति आय सबसे कम है."
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कांग्रेस सांसदों के विरोध के बीच राजू ने कहा कि जिस तरह राज्य का विभाजन हुआ और जिस तरह इसने लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर दबाव डाला वह दुनिया में किसी भी लोकतांत्रिक गणतंत्र में अभूतपूर्व है. उन्होंने कहा, "विभिन्न मुद्दे को लेकर गहरी चर्चा नहीं हुई. हम उस समय के विपक्ष के शुक्रगुजार हैं जिसने तत्कालीन सरकार को मजबूरी वाला आश्वासन देने को मजबूर किया जिससे भाविष्य को लेकर उम्मीदें जगीं."
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तेलुगू भाषी लोगों को भारतीय होने पर गर्व
उन्होंने कहा कि किसान राजधानी में संस्थानों को स्थापित करने के लिए अपनी भूमि दे रहे थे, लेकिन तब भी उन्हें जटिल आंकड़े और ड्राफ्ट को समझने में मुश्किल हुई और वे देख कर चकित रह गए कि जो आश्वासन उन्हें दिए गए थे, संसद में उस पर अभी भी बहस चल रही है. यह कहते हुए की तेदेपा ने हमेशा राष्ट्रीय दृष्टिकोण से कार्य किया, राजू ने कहा, "एक आम मंच पर सभी राजनीतिक विचारों को लाना आसान नहीं है. फिर भी प्रयास जारी है. तेलुगू भाषी लोगों को हमेशा भारतीय होने पर गर्व रहा है."
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आंध्र से किए गए वादे को पूरा नहीं किया गया
राजू ने कहा, "लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को हमेशा लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करना चाहिए. इस संदर्भ में मुझे उम्मीद है कि राज्य विभाजन के दौरान उठाए गए मुद्दों को तर्कसंगत रूप से हल किया जाएगा." राजू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तेदेपा के दोनों मंत्रियों का सहयोग करने के लिए धन्यवाद दिया. बजट पेश होने के बाद से तेदेपा संसद में विरोध कर रही है. पार्टी का कहना है कि तेलंगाना के बनते समय आंध्र से जो वादे किए गए, उन्हें पूरा नहीं किया गया है.
(इनपुट एजेंसी से भी)