तेलंगाना पर आठ सितंबर को अहम बैठक करेगी TDP, कांग्रेस से गठजोड़ पर लेगी फैसला
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तेलंगाना पर आठ सितंबर को अहम बैठक करेगी TDP, कांग्रेस से गठजोड़ पर लेगी फैसला

तेलंगाना विधानसभा को उसके कार्यकाल से पहले ही भंग करने की सिफारिश वाला प्रस्ताव गुरुवार को मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में मंजूर किया गया.

कहा जाता है कि टीडीपी अपनी राज्य विशेष नीति के तहत तेलंगाना में कांग्रेस के साथ गठजोड़ करने के विरुद्ध नहीं है और इस पर निर्णय चंद्रबाबू नायडू लेंगे. (फाइल फोटो)

अमरावती (आंध्रप्रदेश): तेलंगाना के सत्तारुढ़ दल टीआरएस द्वारा विधानसभा भंग किए जाने के साथ ही तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) इन संकेतों के बीच आठ सितंबर को एक अहम बैठक में चुनावी गठजोड़ पर फैसला ले सकती है कि वह कांग्रेस के साथ हाथ मिलाने के विरुद्ध नहीं है.  पड़ोसी राज्य तेलंगाना में तेजी से बदल रहे राजनीतिक घटनाक्रम के बीच आंध्रप्रदेश की सत्तारुढ़ पार्टी टीडीपी के नेता पार्टी सुप्रीमो और मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू से बातचीत करने के लिए यहां पहुंचे.

तेलंगाना विधानसभा को उसके कार्यकाल से पहले ही भंग करने की सिफारिश वाला प्रस्ताव गुरुवार को मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में मंजूर किया गया. इसके साथ ही तेलंगाना अब चुनावी रंग में आ गया है. 

कहा जाता है कि टीडीपी अपनी राज्य विशेष नीति के तहत तेलंगाना में कांग्रेस के साथ गठजोड़ करने के विरुद्ध नहीं है और इस पर निर्णय नायडू लेंगे. मई में टीडीपी के वार्षिक सम्मेलन में नायडू ने घोषणा की थी कि उनकी पार्टी तेलंगाना में एक निर्णायक शक्ति के रुप में उभरेगी और ‘किंगमेकर’ की भूमिका निभाएगी.

तेलंगाना के राज्यपाल केंद्र को भेजेंगे रिपोर्ट
वहीं तेलंगाना में गुरूवार को मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव नीत सरकार द्वारा विधानसभा भंग करने की सिफारिश किए जाने के बाद अब सभी निगाहें राज्यपाल ई एस एल नरसिम्हन पर हैं. उम्मीद है कि वह राज्य के राजनीतिक घटनाक्रम पर केंद्र को एक रिपोर्ट सौंपेंगे. अधिकारियों के अनुसार उम्मीद है कि राज्यपाल राज्य की विधानसभा भंग किए जाने के बारे में चुनाव आयोग को औपचारिक रूप से सूचित करेंगे और छह महीनों के अंदर चुनाव कराने की सिफारिश करेंगे.

गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि यह चुनाव आयोग पर है कि वह चार अन्य राज्यों राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और मिजोरम के साथ ही यहां भी विधानसभा चुनाव कराए. अधिकारी ने स्पष्ट किया कि चुनाव आयोग के पास छह महीने यानी मार्च की शुरूआत तक का समय चुनाव कराने के लिए है.

केंद्र को अपनी रिपोर्ट में, राज्यपाल द्वारा दो विकल्प देने की संभावना है. इनमें नयी सरकार के गठन तक राव को कार्यवाहक मुख्यमंत्री के रूप में पद पर बनाए रखना और राष्ट्रपति शासन लागू करना शामिल है. अधिकारी ने कहा कि राज्यपाल की रिपोर्ट मिलने के बाद गृह मंत्रालय विचार और अंतिम निर्णय के लिए इसे केंद्रीय मंत्रिमंडल के समक्ष रखेगा. राज्यपाल ने राव और उनकी मंत्रिपरिषद को कार्यवाहक सरकार के रूप में काम करते रहने को कहा है.

(इनपुट - भाषा)

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