लालू प्रसाद यादव ने तेजस्वी के इस्तीफों की खबरों का खंडन करते हुए कहा कि महागठबंधन में कोई दरार नहीं है. लालू ने तेजस्वी के इस्तीफे से जुड़ी खबरों सिरे से नकारते हुए कहा कि वह इस्तीफा नहीं देंगे.
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पटना/ नई दिल्ली : बिहार की सियासत में चल रही उठापटक थमने का नाम नहीं ले रही. राष्ट्रपति चुनाव के संपन्न होने के बाद बिहार की राजनीति में तेजस्वी यादव को लेकर नया मोड़ आने की संभावना जताई जा रही थी लेकिन बुधवार को लालू प्रसाद यादव ने तेजस्वी के इस्तीफों की खबरों का खंडन करते हुए कहा कि महागठबंधन में कोई दरार नहीं है. लालू ने तेजस्वी के इस्तीफे से जुड़ी खबरों सिरे से नकारते हुए कहा कि वह इस्तीफा नहीं देंगे. उन्होंने इस मौके पर मीडिया को भी आड़े हाथों लिया और कहा कि यह सब उसी का पैदा किया हुआ है. आरजेडी की मीटिंग के बाद अब सबकी नजरें जेडीयू की बैठक पर टिकी हुई हैं और उसमें लिए जाने वाले फैसले पर ही गठबंधन का भविष्य तय होगा.
बीजेपी नीतीश पर डाल रही है डोरे
लालू प्रसाद यादव ने यह भी कहा कि उनकी नीतीश कुमार से बात होती रहती है और उन्होंने कभी भी तेजस्वी का इस्तीफा नहीं मांगा है और न ही इस संबंध में कोई चर्चा की. लालू ने बीजेपी पर सारा आरोप बीजेपी पर मढ़ते हुए कहा कि वह नीतीश पर डोरे डाल रही है और महागठबंधन में दरार पैदा करना चाहती है. उन्होंने यह भी कहा कि अगर जरूरत होगी तो तेजस्वी यादव सारे सवालों का जवाब देंगे. गौरतलब है कि तेजस्वी यादव के इस्तीफे को लेकर राष्ट्रपति चुनाव से पहले जदयू की तरफ से बयान आया था कि प्रेसिडेंट इलेक्शन के बाद ही उपमुख्यमंत्री पर कोई फैसला किया जाएगा. इस बयान को ध्यान में रखते हुए आरजेडी की तरफ से बुधवार को पार्टी के विधायकों की बैठक बुलाई गई थी.
जेडीयू ने भी बुलाई बैठक
राजद ने बैठक बुलाई तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी अपने विधायकों की बुधवार को ही मीटिंग बुला ली. हालांकि जेडीयू की यह बैठक गुरुवार को होनी प्रस्तावित थी. बुधवार शाम पांच बजे होने वाली जेडीयू की विधायक दल की बैठक में तेजस्वी यादव पर चर्चा हो सकती है. हालांकि सूत्रों की माने तो नीतीश कुमार शुक्रवार से शुरू हो रहे बिहार विधानसभा के मानसून सत्र से पहले डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव का इस्तीफा चाहते हैं.
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हालांकि लालू के दावों के विपरीत नीतीश पहले ही कह चुके हैं कि वह सरकार की छवि को दागदार नहीं होने देंगे. सूत्रों का यह भी कहना है कि यदि तेजस्वी खुद इस्तीफा नहीं देते हैं तो नीतीश उन्हें बर्खास्त भी कर सकते हैं. खबर यह भी है कि सोमवार को तेजस्वी ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से बात कर अपना पक्ष रखा था. राष्ट्रपति के शपथ ग्रहाण समारोह के लिए दिल्ली आए नीतीश कुमार ने कहा था कि उनकी सरकार को कोई खतरा नहीं है.
आपको बता दें कि 11 जुलाई को भी नीतीश ने जेडीयू के विधायक दल की बैठक बुलाई गई थी, जिसमें इस बात को लेकर मांग उठी थी कि तेजस्वी यादव जिनके ऊपर भ्रष्टाचार का आरोप लग रहे हैं, उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए. उस दौरान ऐसी मांग को लेकर जल्दबाजी न करते हुए नीतीश ने तेजस्वी को अपने ऊपर भ्रष्टाचार के लगे आरोपों का जनता के बीच में जवाब देने के लिए कहा था. माना जा रहा है कि तेजस्वी की तरफ से संतुष्ट पूर्ण जवाब नहीं मिलने के कारण बुधवार को होने वाली विधायक दल की बैठक में फिर से तेजस्वी पर कार्रवाई की मांग उठ सकती है.
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बैठक में इस बात भी पर जोर दिए जाने की संभावना है कि तेजस्वी पर मुख्यमंत्री की तरफ से ठोस निर्णय लिया जाए और उन्हें अपने मंत्रिमंडल से बर्खास्त करें. 28 जुलाई से बिहार विधानसभा का मानसून सत्र शुरू होने के कारण संभावना यह भी है कि अगले दो दिनों में डिप्टी सीएम का इस्तीफा लिया जा सकता है. इस बीच आरजेडी की बुधवार को होने वाली बैठक में आगे की रणनीति पर चर्चा की जाएगी.