प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने नाम पर मंदिर बनाए जाने की रिपोर्टों को स्तब्धकारी और भारत की महान परम्पराओं के खिलाफ बताया। नरेंद्र मोदी ने उनके नाम मंदिर बनाने की निंदा की और कहा कि इस खबर से मैं हैरान हूं।
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नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि वह उनके नाम पर मंदिर बनाए जाने की खबरों से स्तब्ध हैं। मोदी ने लोगों से कहा कि इसकी जगह उन्हें समय और संसाधनों का इस्तेमाल ‘स्वच्छ भारत’ के सपने को पूरा करने में करना चाहिए।
मोदी ने कहा कि मेरे नाम पर मंदिर बनाने की खबर मिली। मैं हतप्रभ हूं। यह स्तब्ध करने वाला और भारत की महान परंपराओं के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि इस तरह के मंदिर बनाना हमें हमारी संस्कृति नहीं सिखाती है। व्यक्तिगत तौर पर इससे मैं काफी दुखी हूं। यह काम कर रहे लोगों से ऐसा न करने का आग्रह करता हूं। उनकी प्रतिक्रिया इस खबर के बाद आई है कि गुजरात में राजकोट में मोदी के समर्थकों ने उनके नाम पर एक मंदिर बनाया है। यह मंदिर कोठारिया मार्ग पर स्थित है जिसके गर्भ गृह में मोदी की आवक्ष प्रतिमा लगी है और 16 फरवरी को इसका उद्घाटन किए जाने की योजना है।
मोदी ने ट्वीट किया कि यदि आपके पास समय और संसाधन हैं तो कृपया इन्हें स्वच्छ भारत के हमारे सपने को पूरा करने में लगाएं।
Have seen the news about a Temple being built in my name. I was appalled. This is shocking & against India's great traditions.
— Narendra Modi (@narendramodi) February 12, 2015
Building such Temples is not what our culture teaches us. Personally, it made me very sad. Would urge those doing it not to do it.
— Narendra Modi (@narendramodi) February 12, 2015
गौर हो कि मोदी के समर्थकों ने राजकोट उनके लिए एक मंदिर बनवाया है। कोठरिया रोड पर स्थित इस मंदिर का उद्घाटन 16 फरवरी को होगा। मंदिर के गर्भगृह में मोदी की आवक्ष प्रतिमा लगाई गई है। ओम युवा समूह के नेता जयेश पटेल ने कहा कि गुजरात में यह अपनी तरह का पहला मंदिर है जो किसी जीवित व्यक्ति का है। उन्होंने कहा कि समूह के 350 से ज्यादा सदस्यों ने मिलकर मंदिर के निर्माण के लिए छोटे-छोटे दान एकत्र किए और अब उनकी योजना वहां रोजाना पूजा करने की है। पटेल ने कहा कि हमारे संगठन के सदस्य मोदी की उस समय से भगवान के रूप में पूजा कर रहे हैं जब वह राजकोट से पहली बार विधानसभा चुनाव लड़े थे और गुजरात के मुख्यमंत्री बने थे।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के रूप में उन्होंने जो काम किए और अब प्रधानमंत्री के रूप में जो कार्य कर रहे हैं, उससे हम काफी प्रभावित हुए हैं। इसलिए हमने उनके लिए एक मंदिर बनवाने का फैसला किया। पटेल ने कहा कि शुरू में हमने एक फ्रेमजड़ित तस्वीर वहां रखी थी। अब हमने एक प्रतिमा स्थापित कर दी है जिस पर 1.7 लाख रुपये खर्च हुए हैं। उन्होंने कहा कि सब मिलाकर निर्माण में करीब सात लाख रूपए खर्च हुए हैं। उन्होंने कहा कि हमारे सदस्य हर महीने पांच हजार रूपए से 15 हजार रुपये कमाते हैं और उन्होंने योगदान किया है। पटेल ने कहा कि मंदिर 350 वर्ग गज जमीन पर बना है और यह कोठरिया ग्राम पंचायत द्वारा 10 साल पहले धार्मिक उद्देश्यों के लिए मुहैया कराई गई थी। यह ग्राम अब राजकोट नगर निगम का हिस्सा है। सदस्यों को उम्मीद है कि इसके उद्घाटन के लिए राज्य या केंद्र से भाजपा के कोई मंत्री मिल जाएंगे। समूह के सदस्यों पर दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा की हार का कोई असर नहीं दिख रहा है और पटेल ने कहा कि उनका किसी राजनीतिक दल से कोई लेनादेना नहीं है।