सहिष्णुता भारत के डीएनए में, आमिर को देश छोड़कर जाने की जरूरत नहीं: नकवी
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सहिष्णुता भारत के डीएनए में, आमिर को देश छोड़कर जाने की जरूरत नहीं: नकवी

सहिष्णुता पर आमिर खान के बयान से पैदा हुए विवाद के बीच केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने अभिनेता को ‘मनगढ़ंत राजनीतिक दुष्प्रचार’ के प्रभाव में नहीं आने की सलाह देते हुए कहा कि सहिष्णुता भारत के डीएनए में है और अभिनेता को देश छोड़कर जाने की आवश्यकता नहीं है।

सहिष्णुता भारत के डीएनए में, आमिर को देश छोड़कर जाने की जरूरत नहीं: नकवी

नई दिल्ली : सहिष्णुता पर आमिर खान के बयान से पैदा हुए विवाद के बीच केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने अभिनेता को ‘मनगढ़ंत राजनीतिक दुष्प्रचार’ के प्रभाव में नहीं आने की सलाह देते हुए कहा कि सहिष्णुता भारत के डीएनए में है और अभिनेता को देश छोड़कर जाने की आवश्यकता नहीं है।

अल्पसंख्यक मामलों के केंद्रीय राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने एक ट्वीट में कहा, ‘ सहिष्णुता भारत के डीएनए में है। देश में असहिष्णुता के लिए कोई जगह नहीं है। लोगों को मनगढ़ंत राजनीतिक दुष्प्रचार से प्रभावित होने की आवश्यकता नहीं है।’ उन्होंने कहा, ‘ देश में शांति और सौहार्द बना हुआ है। कुछ भी गलत नहीं है। इसलिए आमिर को देश छोड़कर जाने की आवश्यकता नहीं है। उन्हें यहीं रहना चाहिए और मनगढ़ंत राजनीतिक दुष्प्रचार के प्रभाव में नहीं आना चाहिए।’ आमिर खान ने यहां एक समारोह में बातचीत के दौरान पिछले छह से आठ महीनों में असहिष्णुता की घटनाएं बढने पर ‘निराशा’ व्यक्त की थी जिसके बाद से वह विवादों के घेरे में है।।

आमिर ने कहा था, ‘ मैं और किरण (मेरी पत्नी) जीवन भर भारत में रहे हैं। उन्होंने पहली बार कहा कि क्या हमें देश से बाहर चले जाना चाहिए.. उन्हें अपने बच्चे को लेकर चिंता है, वह इस बात को लेकर चिंतित हैं कि हमारे आस पास माहौल कैसा होगा।’ उन्होंने पुरस्कार लौटाने वाले लेागों का भी समर्थन करते हुए कहा कि पुरस्कार लौटाना कलात्मक लोगों द्वारा अपने असंतोष और निराशा को व्यक्त करने का एक तरीका है।

 

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