AIMPLB पर केंद्रीय मंत्री वैंकेया नायडू का निशाना- यूनिफॉर्म सिविल कोड को सियासी मुद्दा न बनाएं
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AIMPLB पर केंद्रीय मंत्री वैंकेया नायडू का निशाना- यूनिफॉर्म सिविल कोड को सियासी मुद्दा न बनाएं

केंद्रीय मंत्री वैंकेया नायडू ने मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) पर निशाना साधते हुए कहा कि समान नागरिक संहिता (यूनिफॉर्म सिविल कोड) के मुद्दे का राजनीतिकरण न करें। वैंकेया नायडू ने कहा कि यूनिफॉर्म सिविल कोड को सियासी मुद्दा न बनाया जाए। उन्‍होंने सवालिया लहजे में कहा कि पीएम को इस मामले में क्‍यों घेरा जा रहा है।

AIMPLB पर केंद्रीय मंत्री वैंकेया नायडू का निशाना- यूनिफॉर्म सिविल कोड को सियासी मुद्दा न बनाएं

नई दिल्‍ली : केंद्रीय मंत्री वैंकेया नायडू ने मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) पर निशाना साधते हुए कहा कि समान नागरिक संहिता (यूनिफॉर्म सिविल कोड) के मुद्दे का राजनीतिकरण न करें। वैंकेया नायडू ने कहा कि यूनिफॉर्म सिविल कोड को सियासी मुद्दा न बनाया जाए। उन्‍होंने सवालिया लहजे में कहा कि पीएम को इस मामले में क्‍यों घेरा जा रहा है।

तीन तलाक पर मुसलिम पर्सनल लॉ बोर्ड की ओर से की गई प्रेस कान्फ्रेंस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि लैंगिक भेदभाव खत्म करना आवश्यक है. वेंकैया नायडू ने यहां एक प्रेस कान्फ्रेंस कर कहा कि तीन तलाक का मामला अलग है और कॉमन सिविल कोड का मामला अलग है। वेंकैया ने कहा कि मुसलिम लॉ बोर्ड द्वारा तीन तलाक मामले पर प्रधानमंत्री पर तानाशाही का आरोप लगाना गलत है और उनके द्वारा अपनी बातों को लैंगिक विभेद के लिए थोपना ही तानाशाही है। नायडू ने कहा कि एक साथ तीन तलाक को समान नागरिक संहिता से जोड़ा जा रहा है लेकिन मुख्य मुद्दे लैंगिक न्याय, गैर भेदभाव और महिलाओं के सम्मान का है। लोगों पर कुछ थोपा नहीं जाएगा, सरकार तिहरे तलाक पर एक बहस चाहती है। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के आरोपों पर नायडू ने कहा कि इस मुद्दे में प्रधानमंत्री को क्यों घसीटा जाए? अगर आप राजनीतिक टिप्पणी करना चाहते हैं तो अपनी पसंद की पार्टी में शामिल हो जाएं।

नायडू ने आज कहा कि कॉमन सिविल कोड एक धर्म विशेष के लिए नहीं है, बल्कि यह सभी के लिए है। उन्‍होंने ने कहा कि हम इन मुद्दों पर जल्दबादी में नहीं हैं, इस पर चर्चा होनी चाहिए और सहमति के आधार पर ही सरकार कदम आगे बढ़ाएगी। वेंकैया ने कहा कि कोर इश्यू पर स्वस्थ चर्चा होनी चाहिए। उन्होंने बोर्ड की ओर से बयान दिये जाने के तरीकों पर आपत्ति जताई और कहा कि उन्हें राजनीति नहीं करनी चाहिए, यह काम राजनीतिक दलों का है। उन्होंने कहा कि सभी धर्मों जो बुराइयां हैं उस पर चर्चा होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस मामले में प्रधानमंत्री का नाम उछालना उचित नहीं है।

गौर हो कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने गुरुवार को प्रेस कान्फ्रेंस कर तीन तलाक पर सरकार के स्टैंड का विरोध किया था। पिछले दिनों विधि आयोग ने तीन तलाक, बहु विवाह व दूसरी प्रथाओं पर 16 सवालों के जरिये जनता की राय मांगी थी। इस पर कल बोर्ड ने कड़ी आपत्ति जताई। विधि आयोग के इस कदम से यह धारणा बनी है कि यह पहल कॉमन सिविल कोड की दिशा में उठाया गया कदम है।

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