यूपी में प्राइवेट स्कूलों पर नकेल कसने के लिए विधेयक हुआ पास, अभिभावकों को मिलेगी राहत
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यूपी में प्राइवेट स्कूलों पर नकेल कसने के लिए विधेयक हुआ पास, अभिभावकों को मिलेगी राहत

अब विधानपरिषद में पारित होने के लिए विधेयक भेजा जाएगा. माना जा रहा है कि योगी सरकार की इस पहल से अभिभावकों को बड़ी राहत मिलेगी.

इस बिल के पास होने से अभिभावकों को बड़ी राहत मिलेगी. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली/ लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अब प्राइवेट स्कूलों की मनमानी नहीं चल सकेगी. प्राइवेट स्कूलों में मनमानी फीस पर अंकुश लगाने के लिए योगी सरकार ने उप्र स्ववित्त पोषित स्वतंत्र विद्यालय (शुल्क का विनियमन) विधेयक 2018 गुरुवार को विधानसभा में पेश किया, जिसे पारित किया गया. अब विधानपरिषद में पारित होने के लिए विधेयक भेजा जाएगा. माना जा रहा है कि योगी सरकार की इस पहल से अभिभावकों को बड़ी राहत मिलेगी, जिन्हें हर साल बढ़ने वाली फीस का भुगतान अपने बच्चों के भविष्य के लिए करना पड़ता है. 

उप्र स्ववित्त पोषित स्वतंत्र विद्यालय (शुल्क का विनियमन) विधेयक में फीस वृद्धि में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक को आधार बनाना जरूरी किया गया है. इतना ही नहीं स्कूल कैंपस के कॉमर्शियल इस्तेमाल को भी स्कूल की आमदनी माना गया है. इसके अलावा ड्राफ्ट में अभिभावकों की शिकायतों के लिए जोनल शुल्क विनियामक समिति के गठन का भी प्रस्ताव है. विधेयक का ड्राफ्ट सीएम के सामने पेश किया गया था. जिस पर सीएम ने कहा था कि हमारी कोशिश है कि ऐसा प्रस्ताव तैयार किया जाए, जिसमें छात्रों के हितों की रक्षा हो साथ ही स्कूलों को भी कुछ भी गलत न लगे. 

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पारित किया गया विधेयक उन सभी प्राइवेट स्कूलों के लिए है, जो छात्रों से 20 हजार से अधिक वार्षिक शुल्क की वसूली करते है. इस विधायक के हिसाब से छात्रों से एडमीशन फीस सिर्फ कक्षा एक में दाखिला लेने पर ही लिया जाएगा. इसके बाद कक्षा 9 और 11 में ही छात्रों से एडमीशन फीस ली जा सकेगी. स्कूलों को आगामी सत्र की फीस 31 दिसंबर तक अपनी वेबसाइट और नोटिस बोर्ड पर प्रदर्शित करनी होगी. छात्र, अभिभावक या अभिभावक संघ की शिकायतों के लिए कमिश्नर की अध्यक्षता में जोनल शुल्क विनियामक समिति का गठन किया जाएगा.

आपको बता दें कि 3 अप्रैल को कैबिनेट की बैठक में ये प्राइवेट स्कूलों पर नकेल कसने को लेकर फैसला हुआ था. कैबिनेट की बैठक में निजी स्कूलों में मनमानी फीस पर नियमावली का प्रस्‍ताव पेश किया गया, जिसे पारित कर दिया गया थी. इस नियमावली के दायरे में प्रदेश के 20 हजार रुपये से अधिक फीस लेने वाले स्‍कूल आएंगे. साथ ही नियमों का उल्‍लंघन करने पर स्‍कूलों के ऊपर कड़ी कार्रवाई भी की जाएगी.

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