नोएडा के बाद अब मुरादाबाद में भी मछलियां खाने से कैंसर का खतरा!
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नोएडा के बाद अब मुरादाबाद में भी मछलियां खाने से कैंसर का खतरा!

नोएडा के बाद अब मुरादाबाद के लोगों के सिर पर भी कैंसर का खतरा मंडरा रहा है। मुरादाबाद से होकर बहने वाली रामंगगा गागन और ढेला नदियों में खतरनाक रसायनों के कारण लाखों मछलियों को कैंसर हो गया है। जिसके कारण इन्हें खाने वाले इंसान भी अब खतरे में हैं। वहीं स्वास्थय विभाग के बड़े अधिकारियों का दावा है कि खतरनाक रसायनों से भरी पड़ी इन नदियों के आस-पास रहने वाले लोगों के घरों में और नलों तक ये रसायन पहुंच सकते चुके हैं। जिसके कारण उन्हें कैंसर हो सकता है।

ज़ी मीडिया ब्यूरो/दीप चन्द्र जोशी

मुरादाबाद: नोएडा के बाद अब मुरादाबाद के लोगों के सिर पर भी कैंसर का खतरा मंडरा रहा है। मुरादाबाद से होकर बहने वाली रामंगगा गागन और ढेला नदियों में खतरनाक रसायनों के कारण लाखों मछलियों को कैंसर हो गया है। जिसके कारण इन्हें खाने वाले इंसान भी अब खतरे में हैं। वहीं स्वास्थय विभाग के बड़े अधिकारियों का दावा है कि खतरनाक रसायनों से भरी पड़ी इन नदियों के आस-पास रहने वाले लोगों के घरों में और नलों तक ये रसायन पहुंच सकते चुके हैं। जिसके कारण उन्हें कैंसर हो सकता है।

यूं तो मुरादाबाद का पीतल अपनी चमक से पूरी दुनियां को चकाचैंध कर रहा है। लेकिन सिक्के का दूसरा पहलू बेहद खतरनाक और दिल दहला देने वाला है। पीतल की बड़ी फैक्ट्रियों से निकलने वाले खतरनाक केमिकल ने इन नदियों को खतरनाक रसायनों से भर दिया है। मुरादाबाद की रामगंगा, गागन और ढेला नदियों में इन फैक्ट्रियों से पीतल के वेस्टेज के रुप में जिंक, आर्सेनिक, कैडमियम, सिलेनियम, लेड, कॉपर, निकेल जैसे खतरनाक रसायन पहुंच रहे हैं। जिन्हें भोजन समझकर मछलियां खा लेती हैं। नतीजा लाखों मछलियों को कैंसर हो गया है। जिसके कारण वो मरने लगी हैं। इस बात का खुलासा उत्तर प्रदेश काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चर रिर्सच टीम के दो प्रोफेसरों द्धारा किया गया है।

इतना ही नहीं रिसर्च टीम द्धारा ये आशंका भी जताई गई है कि नदियों में बहाए जा रहे इन घातक केमिकल तत्वों से इंसानों को भी कैंसर होने की पूरी संभावना है। क्योंकि इंसान इन मछलियों का सेवन कर रहे हैं। वहीं नदियों से रिस रिस कर ये खतरनाक केमिकल आस-पास के गांवो में भी पहुंच चुका है। लिहाजा अब प्रोफेसरों की टीम का अगला लक्ष्य इन नदियों के आस-पास गावों के लोग हैं।

इतना सब कुछ हो गया। मुरादाबाद की नदियों में मछलियों को कैंसर हो गया। इंसानों तक ये पहुंच चुका है। लेकिन स्वास्थय महकमा गहरी नींद में सो रहा है। वहीं प्रशासनिक अधिकारी भी पीतल के साथ-साथ मौत बहा रहे इन कारखानों को रोकने के मूड में नहीं है। हालांकि स्वास्थय विभाग के ही कुछ जिम्मेवार अधिकारी इसे बड़ा खतरा मान रहे हैं। साथ ही उनका साफ कहना है कि मछलियों के जरिये ये कैंसर अब इंसानों के शरीर में भी पहुंच गया है। स्वास्थय विभाग के अधिकारी मानते हैं कि इन केमिकल से कैंसर होना निश्चित है।

उधर प्रदूषण विभाग के अधिकारियों को इस खतरे से कोई मतलब नहीं है। उनके द्धारा समय-समय पर इन पीतल की फैक्ट्रियों का निरीक्षण किया जाता है। लेकिन ये निरीक्षण कार्यालयों में बैठे-बैठे ही कागजों में हो जाता है। जबकि हकीकत में मुरादाबाद की अधीकांस पीतल फैक्ट्रियों में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगे ही नहीं हैं। सारी फैक्ट्रियों से निकलने वाला खतरनाक रसायन इन नदियों में पहुंच रहा है। हालांकि वो ये भी मानते हैं कि पीतल के कारखानों से ये प्रदूषण फैल रहा है। लेकिन वो उत्तराखंड की तरफ से आने वाले केमिकल को भी इसके लिए जिम्मेवार मानते हैं। हांलाकि नदियों के निकलने वाले घातक केमिकल से बीमारियां होने की बात वो भी मानते हैं।

बहरहाल चमकदार पीतल के साथ-साथ मुरादाबाद की इन फैक्ट्रियों से कैंसर भी पैदा किया जा रहा है। हालांकि अब ये देखना है कि प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग कब तक मौत की इन फैक्ट्रियों पर लगाम लगा पाता है।

 

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