अखिलेश ने कहा कि बंगले में जो निर्माण किया गया था उसके लिए लखनऊ डेवलपमेंट अथॉरिटी से अनुमति ली गई थी.
Trending Photos
लखनऊ: यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव का बंगला विवाद एकबार फिर से सुर्खियों में है. अखिलेश यादव ने मीडियाकर्मियों से कहा कि अगर कोई पत्रकार यह बता दे कि वे कौन लोग थे जो मेरे घर खाली करने के बाद बंगले में घुसकर तोड़फोड़ की, उनको 11 लाख रुपए का इनाम दिए जाएंगे. तोड़फोड़ को लेकर अखिलेश यादव ने कहा कि सरकारी आवास में सरकारी अनुमति के बिना किसी तरह का निर्माण नहीं किया गया था. उन्होंने कहा कि बंगले में जो कुछ निर्माण काम करवाया गया था उसके लिए लखनऊ डेवलपमेंट अथॉरिटी (LDA) से अनुमति ली गई थी. अखिलेश ने LDA से पास नक्शे की कॉपी मीडिया को भेजी.
उन्होंने कहा कि 4 विक्रमादित्य बंगले में निर्माण को लेकर कैबिनेट की बैठक हुई थी. कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद निर्माण काम करवाया गया था.
अखिलेश ने कहा कि जो घर हमसे छीना गया वह हमारा घर नहीं था, बल्कि सरकारी घर था. मैंने वहां कोई अवैध निर्माण नहीं कराया था. वहां जो कुछ काम किया गया था उसका NOC मैंने सरकार और प्रशासन को सौंप दी है. लखनऊ डेवलपमेंट अथॉरिटी ने जब निर्माण को लेकर NOC जारी किया, उसके बाद ही हमने वहां थोड़ा बहुत बदलाव किया था.
अखिलेश की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर योगी सरकार का पलटवार...'चोर की दाढ़ी में तिनका'
अखिलेश ने तोड़फोड़ को साजिश बताते हुए कहा कि, जब मैंने बंगला खाली किया तो रात में कुछ लोग हथौड़ा लेकर उस बंगले में पहुंचे. उनलोगों ने वहां तोड़फोड़ की और नाम मेरा बताया जा रहा है. उन्होंने मीडियाकर्मियों से भी कहा कि अगर आपलोगों को उनलोगों के बारे में कोई जानकारी है तो आप हमें बताएं और इसके बदले इनाम के रूप में हम आपको 11 लाख रुपए देंगे.
अखिलेश का न्यारा सरकारी बंगला, अब नहीं रहा प्यारा
बंगला विवाद को लेकर योगी सरकार पर हमला बोलते हुए अखिलेश ने कहा कि उनके अपने मंत्री हमारा खाली किया हुआ बंगला मांग रहे हैं. वे राजनाथ सिंह, कल्याण सिंह का बंगला नहीं मांग रहे हैं. उन्हें केवल हमारा घर पसंद आया. इससे साफ पता चलता है कि बंगला में काम किसने करवाया था.
अखिलेश पर योगी सरकार का पलटवार...खाली दीवार के पीछे क्या राज छिपे थे?
कुछ मीडिया हाउस से वर्तमान में निकाले गए कुछ पत्रकारों को लेकर अखिलेश यादव ने वर्तमान बीजेपी सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा कि उन्हें पसंद नहीं है कि कोई उनके खिलाफ आवाज उठाए, उनसे सवाल पूछे. जो पत्रकार सवाल पूछने लगते हैं उनको हटा दिया जाता है. आगे भी अगर कोई सवाल पूछेगा तो उसे भी नौकरी से निकाल दिया जाएगा.