'योगी राज' में अब यूपी में बदलेगी "पंचम तल" की परिभाषा!
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'योगी राज' में अब यूपी में बदलेगी "पंचम तल" की परिभाषा!

लोकभवन में कार्यलायों की बात करें तो पांचवी मंजिल पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ उनके मीडिया एडवाइजर मृत्युंजय कुमार और दो ओएसडी संजीव सिंह और आरबीएस रावत के कमरे होंगे. 

लोकभवन में मुख्यमंत्री कार्यालय के शुरू हो जाने के बाद से पुराने कार्यालय यानि ऐनेक्सी की व्यवस्था से अलग लोकभवन में प्रवेश केवल तीसरी मंजिल तक ही मान्य होगा.

राजीव श्रीवास्तव, उत्कर्ष चतुर्वेदी, लखनऊः उत्तर प्रदेश की सियासत में सत्ता और शासन का केंद्र माना जाने वाला “पंचम तल” अब शायद सूबे में सर्वोच्च सत्ता का अकेला केंद्र नहीं होगा. दरअसल उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री का कार्यालय लखनऊ की लाल बहादुर शास्त्री भवन की पांचवी मंजिल पर है जिसे लोगों के बीच “पंचम तल” के नाम से जाना जाता है. लेकिन अब लखनऊ में मुख्यमंत्री कार्यालय लोकभवन में शिफ्ट होने के बाद से ये व्यवस्था जल्द ही बदल जाएगी. भले ही लोकभवन में भी मुख्यमंत्री पांचवी मंजिल यानि पंचम तल पर ही बैठेंगे लेकिन मुख्यमंत्री कार्यालय से जुड़े तमाम अधिकारियों को लोकभवन में बैठने के लिए चौथी मंजिल मिली है. यानि मुख्यमंत्री कार्यालय और राज्य के होने वाले बड़े फैसले अब लोकभवन की पांचवी और चौथी मंजिल से तय होंगे.

लोकभवन में मुख्यमंत्री कार्यालय के शुरू हो जाने के बाद से पुराने कार्यालय यानि ऐनेक्सी की व्यवस्था से अलग लोकभवन में प्रवेश केवल तीसरी मंजिल तक ही मान्य होगा. जबकि ऐनेक्सी में पंचम तल को छोड़कर चौथी मंजिल तक मान्य व्यक्तियों का प्रवेश होता था. जल्द ही लोकभवन में चौथी और पांचवी मंजिल में प्रवेश के लिए लोगों को पास के जरिए प्रवेश का सिस्टम शुरू हो जाएगा. शेष भवन में प्रवेश के लिए मान्य पास की पुरानी व्यवस्था ही लागू रहेगी.

लोकभवन में कार्यलायों की बात करें तो पांचवी मंजिल पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ उनके मीडिया एडवाइजर मृत्युंजय कुमार और दो ओएसडी संजीव सिंह और आरबीएस रावत के कमरे होंगे. वहीं लोकभवन की चौथी मंजिल पर मुख्यमंत्री सचिवालय से जुड़े तमाम अधिकारी बैठेंगे. चौथी मंजिल पर जिन अधिकारियों का कार्यालय होगा उनमें मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव एसपी गोयल, सचिव मृत्युंजय नारायण और मनीष चौहान के साथ विशेष सचिव शुभ्रांत शुक्ला, अजय सिंह और अमित सिंह शामिल हैं.

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अब तक जहां एनेक्सी में मुख्यमंत्री के पुराने कार्यालय में जनप्रतिनिधियों को छोड़कर किसी को भी पंचम तल पर जाने की सीधी अनुमति नहीं थी वहीं लोकभवन में ये सिस्टम और बदलने वाला है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने जी मीडिया को बताया कि जल्द ही लोकभवन में प्रवेश के लिए नए पास जारी किए जाएंगे जिनमें इस बात का साफ उल्लेख होगा कि पासधारक को लोकभवन में चौथी या पांचवी मंजिल पर प्रवेश की अनुमति है या नहीं. कुछ अति विशिष्ट व्यक्तियों के लिए पास में चौथी और पांचवी दोनों ही मंजिलों पर प्रवेश की अनुमति होगी. फिलहाल लोकभवन में विधानसभा और एनेक्सी के प्रवेश पत्रों के साथ पत्रकारों के मान्यता पास पर प्रवेश दिया जा रहा है.

पांचवी मंजिल से चौथी और पांचवी मंजिल तक बढ़े मुख्यमंत्री कार्यालय ने उत्तर प्रदेश में “पंचम तल” के नाम को फिर से गढ़ने का मौका दिया है. पांच मंजिला लोक भवन की जहां उपरी दो मंजिल राज्य की नीतियां तय करने का सबसे बड़ा केंद्र बनने जा रही हैं तो वहीं इसी भवन की तीसरी मंजिल पर मुख्यमंत्री कार्यालय के अनु सचिव बैठेंगे. वहीं दूसरी मंजिल पर गृह विभाग को जगह दी गई है तो वहीं ऐनेक्सी की तरह पहली मंजिल पर मुख्य सचिव का कार्यालय होगा. अब बदला हुआ लोकभवन क्या उत्तर प्रदेश में “पंचम तल” को नए सिरे से परिभाषित करेगा या फिर मुख्यमंत्री की कुर्सी ही “पंचम तल” का मतलब बनी रहेगी. हालांकि अभी भी राज्य में एनेक्सी का महत्व खत्म नहीं हुआ है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सप्ताह में दो दिन (सोमवार औऱ गुरूवार) अपने पुराने कार्यालय एनेक्सी के पंचम तल पर ही बैठेंगे.

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