बदरीनाथ धाम के कपाट बंद, चारधाम यात्रा का समापन
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बदरीनाथ धाम के कपाट बंद, चारधाम यात्रा का समापन

उत्तराखंड में हिमालय की ऊंची पहाडि़यों पर स्थित विश्व प्रसिद्ध बदरीनाथ धाम के कपाट मंगलवार को शीतकाल के लिये बंद कर दिये गये। इसी के साथ इस वर्ष की गढवाल हिमालय की चारधाम यात्रा का समापन भी हो गया।

देहरादून : उत्तराखंड में हिमालय की ऊंची पहाडि़यों पर स्थित विश्व प्रसिद्ध बदरीनाथ धाम के कपाट मंगलवार को शीतकाल के लिये बंद कर दिये गये। इसी के साथ इस वर्ष की गढवाल हिमालय की चारधाम यात्रा का समापन भी हो गया।

बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के विशेष कार्याधिकारी बीडी सिंह ने बताया कि चमोली जिले में दस हजार फीट से ज्यादा की उंचाई पर स्थित भगवान विष्णु को समर्पित बदरीनाथ धाम के कपाट वैदिक मंत्रोच्चार के बीच परंपरागत पूजा अर्चना के बाद शाम 4.35 बजे श्रद्घालुओं के लिये बंद कर दिये गये।

उन्होंने बताया कि पीले गेंदे के फूलों से सजाये गये मंदिर में मुख्य पुजारी रावल द्वारा विशेष पूजा अर्चना करने और कपाट बंद करने के समारोह के दौरान मंदिर समिति के अध्यक्ष गणेश गोदियाल, धर्माधिकारी और प्रशासनिक अधिकारियों के अलावा मंदिर परिसर में करीब आठ हजार श्रद्घालु भी मौजूद रहे। कपाट बंद होने के बाद भगवान विष्णु की डोली उनके शीतकालीन प्रवास जोशीमठ के लिये रवाना कर दी गयी जहां अगले छह माह श्रद्घालु उनके दर्शन कर सकेंगे। बदरीनाथ के कपाट बंद होने के साथ ही देश विदेश से लाखों श्रद्घालुओं और पर्यटकों को आकषिर्त करने वाली गढवाल हिमालय की वार्षिक चारधाम यात्रा का भी आज समापन हो गया।

गौरतलब है कि तीन अन्य धामों, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट शीतकाल के लिये पहले ही बंद हो चुके हैं। उत्तरकाशी जिले में स्थित मां गंगा के धाम गंगोत्री मंदिर के कपाट 12 नवंबर को दीवाली के अगले दिन अन्नकूट पर्व पर और उत्तरकाशी जिले में ही स्थित यमुनोत्री मंदिर तथा रूद्रप्रयाग जिले में स्थित भगवान शिव के धाम केदारनाथ के कपाट 13 नवंबर को भैया दूज के पर्व पर श्रद्घालुओं के लिये बंद किये गये थे।

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