कांग्रेस को यूपी में एक चुनौती का सामना करना पड़ सकता है. इस बार मामला लखनऊ स्थित कांग्रेस दफ्तर की इमारत का है. करीब 100 करोड़ कीमत वाली कांग्रेस दफ्तर की कोठी पर एक व्यापारी ने अपना दावा पेश किया है.
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लखनऊ: कांग्रेस को यूपी में एक चुनौती का सामना करना पड़ सकता है. इस बार मामला लखनऊ स्थित कांग्रेस दफ्तर की इमारत का है. करीब 100 करोड़ कीमत वाली कांग्रेस दफ्तर की कोठी पर एक व्यापारी ने अपना दावा पेश किया है. बता दें कि लखनऊ की राजनीतिक दलों की इमारतों में ये सबसे खूबसूरत इमारत है. करीब एक लाख स्क्वायर फीट रकबे वाली इस कोठी की मार्केट वैल्यू करीब 100 करोड़ है.
व्यापारी का दावा उनके दादा ने खरीदी थी इमारत
दरअसल कांग्रेस दफ्तर की इस आलीशान इमारत पर व्यापारी मनीष अग्रवाल ने दावा किया है. मीडिया की खबरों के मुताबिक मनीष अग्रवाल का कहना है कि 1961 में भारत सरकार के पुनर्वास मंत्रालय ने एक नीलामी की थी. उस नीलामी में उनके 1 लाख 75 हजार रुपए में यह कोठी खरीदी थी. मनीष अग्रवाल का आरोप है कि बाद में गलत तरीके से कोठी के दस्तावेजों में कांग्रेस के एक नेता का नाम शामिल कर दिया गया और यह कोठी गैर कानूनी तरीके से कांग्रेस को ट्रांसफर कर दी गई.
निगम ने जारी किया कांग्रेस को नोटिस
मीडिया की खबरों के मुताबिक मनीष अग्रवाल ने नगर निगम में यह दरख्वास्त की है कि इस प्रॉपर्टी को उनके परिवार के नाम कर दी जाए क्योंकि इसे उनके दादा ने 1961 में नीलामी में खरीदा था. इसके कागज भी उन्होंने नगर निगम को दिए हैं. नगर निगम ने भी कांग्रेस को नोटिस जारी कर दिया है. दूसरी तरफ कांग्रेस ने मनीष के दावों को गलत बताया है.