श्रमजीवी एक्सप्रेस ट्रेन बम विस्फोट कांड में दोषी रोनी को मृत्युदण्ड
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श्रमजीवी एक्सप्रेस ट्रेन बम विस्फोट कांड में दोषी रोनी को मृत्युदण्ड

उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले की एक अदालत ने वर्ष 2005 में श्रमजीवी एक्सप्रेस ट्रेन में हुए बम विस्फोट कांड में कल 29 जुलाई को दोषी करार दिए गए बांग्लादेश निवासी आलमगीर उर्फ रोनी को आज मृत्युदण्ड की सजा सुनाई है।

प्रतीकात्मक तस्वीर

जौनपुर: उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले की एक अदालत ने वर्ष 2005 में श्रमजीवी एक्सप्रेस ट्रेन में हुए बम विस्फोट कांड में कल 29 जुलाई को दोषी करार दिए गए बांग्लादेश निवासी आलमगीर उर्फ रोनी को आज मृत्युदण्ड की सजा सुनाई है।

अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम बुधिराम यादव ने अभियुक्त रोनी को मृत्यु दण्ड की सजा के साथ साथ उस पर सात लाख रूपये का जुर्माना भी लगाया है। रोनी को अदालत ने दोषी करार दिया था और सजा का निर्धारण आज किया है।

इस कांड के दूसरे आरोपी ओबेदुर्रहमान के मामले में 2 अगस्त को फैसला होगा और दोषी पाये जाने पर सजा का निर्धारण किया जायेगा। अन्य आरोपियों के खिलाफ सुनवाई का सिलसिला अभी चल रहा है।

गौरतलब है कि 28 जुलाई 2005 को 5.20 बजे शाम जौनपुर जिले के सिगरामऊ के हरपालगंज रेलवे क्रासिंग के पास श्रमजीवी एक्सप्रेस ट्रेन में बम विस्फोट की घटना हुई थी, जिसमें 12 लोगों की मौत हो गई थी। इस हादसे में दर्जनों घायल भी हुए थे। ट्रेन के गार्ड जफर अली ने जीआरपी थाने में इस घटना की एफआईआर दर्ज कराया था।

इस घटना की पुलिस के साथ सघन जांच के बाद देश की बड़ी सुरक्षा एजेंसियों ने आलमगीर उर्फ रोनी, औबैदुरहमान उर्फ बाबू के अलावा नफीकुल विश्वाश निवासी मुर्शिदाबाद पश्चिम बंगाल तथा सोहाग उर्फ हिलाल निवासी बांग्लादेश के खिलाफ अलग अलग आरोपपत्र दाखिल किये थे।

रोनी और बाबू फिलहाल जौनपुर जेल में तथा विश्वाश और हिलाल हैदराबाद जेल में बन्द है, जबकि अन्य आरोपियों में शरीफ उर्फ कंचन फरार है और गुलाम पाजदानी उर्फ याहिया और डॉ सईद की मौत हो चुकी है। फैसले के वक्त अदालत में भारी मात्रा में पीएसी और पुलिस बल तैनात था। अदालत परिसर में आने वालों की सघन तलाशी भी ली जा रही थी। 

 

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