उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की सीमा पर स्थित कॉर्बेट नेशनल पार्क में 40 वर्ष तक अपनी सेवाएं के बाद लक्ष्मी, पवनपुरी और सोनाकली अब सेवानिवृत्त होने जा रही हैं.
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बिजनौर: उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की सीमा पर स्थित कॉर्बेट नेशनल पार्क में 40 वर्ष तक अपनी सेवाएं के बाद लक्ष्मी, पवनपुरी और सोनाकली अब सेवानिवृत्त होने जा रही हैं. ये तीनों नाम पार्क की हथनियों के हैं. लक्ष्मी, पवनपुरी और सोनाकली ने पार्क की सीमाओं की सुरक्षा करने के साथ ही सैलानियों को भी पार्क की खूब सैर कराई है. पार्क के निदेशक सुरेन्द्र मेहरा ने बताया कि तीनों हथनियों को जल्द ही सर्टिफिकेट देकर कार्यमुक्त किया जाएगा.
कॉर्बेट नेशनल पार्क के सूत्रों के अनुसार, लगभग 65 वर्ष की उम्र की हो चलीं इन तीनों हथनियों ने करीब 40 साल यहां सेवा की है और अब इन्हें कालागढ़ स्थित हाथी कैंपस में रखा जाएगा जहां पहले की तरह ही इनकी पूरी देखभाल की जाएगी.
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महावत को बचाने के लिए बाघ से भिड़ गई थी हथिनी
पार्क प्रशासन के अनुसार, हथिनी पवनपुरी अपने महावत से इतना प्यार करती है कि जब एक बार पार्क सीमा पर भ्रमण करते हुए बाघ ने महावत चरणदास पर हमला कर दिया तो पवनपुरी उससे भिड़ गई और उसे भगा कर दम दिया.
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पहली बार हो रहा कार्यक्रम का आयोजन
हथनियों को प्रमाणपत्र एक कार्यक्रम में दिया जाएगा. इस अनूठे आयोजन का कर्मचारी भी इंतजार कर रहे हैं. निदेशक सुरेन्द्र मेहरा ने बताया कि यहां इस तरह का आयोजन पहली बार हो रहा है.