बीजेपी झूठ बोलने वाली पार्टी है, इस पर विश्वास न करें : अखिलेश यादव
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बीजेपी झूठ बोलने वाली पार्टी है, इस पर विश्वास न करें : अखिलेश यादव

अखिलेश ने कहा,  'भाजपा वाले लोग झूठ बोलते हैं, फिर भी हमारे लोग भरोसा कैसे कर लेते हैं? यही सबसे बड़ा राजनीतिक सवाल है.' 

अखिलेश यादव ने कहा, 'कुछ ताकतें देश को तोड़ना चाहती हैं. अपने स्वार्थ के लिए, केवल सत्ता में पहुंचने के लिए झूठ बोलती हैं.' (फाइल फोटो)

लखनऊ: प्रदेश में नगर निकाय चुनावों की सरगर्मियों के बीच सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मंगलवार को कहा कि राज्य में समाजवादी सरकार ने जो कामकाज किए हैं, भाजपा कभी भी उनका मुकाबला नहीं कर सकती. उन्होंने जनता को आगाह किया कि भाजपा झूठ बोलने वाली पार्टी है इसलिए उसकी बातों पर विश्वास ना करें. अखिलेश यादव ने यहां सपा मुख्यालय पर लौहपुरूष सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में कहा, 'चाहे गिनती में (विधानसभा चुनाव में जीती सीटें) पीछे रह गये हों लेकिन भाजपा हमारे द्वारा किए गए कामकाज का मुकाबला कभी नहीं कर सकती.’’ 

उन्होंने आरोप लगाया कि चाहे केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार हो या फिर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार, दोनों ने कोई महत्वपूर्ण फैसला नहीं किया. 'भाजपा वाले लोग झूठ बोलते हैं, फिर भी हमारे लोग भरोसा कैसे कर लेते हैं? यही सबसे बड़ा राजनीतिक सवाल है.' भाजपा के झूठ के प्रति जनता को आगाह करते हुए यादव ने कहा, 'कुछ ताकतें देश को तोड़ना चाहती हैं. अपने स्वार्थ के लिए, केवल सत्ता में पहुंचने के लिए झूठ बोलती हैं.'

उन्होंने कहा कि किसानों की कर्जमाफी हो, नोटबंदी, जीएसटी हो या फिर नौजवानों को रोजगार देने की बात हो, हर मोर्चे पर भाजपा ने धोखा दिया है. जीएसटी से व्यापारी बर्बाद हो गया. किसान और नौजवान बुरी तरह प्रभावित हुआ. नोटबंदी का फैसला भी नुकसानदायक सिद्ध हुआ. इन फैसलों ने देश की अर्थव्यवस्था चौपट कर दी. 'अर्थव्यवस्था को सबसे बड़ा धोखा भाजपा ने दिया है.' यादव ने प्रदेश की भाजपा सरकार पर आरोप लगाया है कि समाजवादी सरकार ने गरीबों के हित में जो बड़े फैसले किये थे, उन्हें रोक दिया गया है. अब आगामी चुनावों में जनता के बीच जाकर भाजपा के इस चेहरे का पर्दाफाश करने की जरूरत है.

उन्होंने कहा कि पटेल का व्यक्तित्व छोटा नहीं है. उन्हें याद करते हैं तो भारत का नक्शा याद आता है. सरदार पटेल महात्मा गांधी के साथ ही खड़े दिखते हैं. उन्हें यूं ही लोग सरदार नहीं कहते थे, लाखों करोड़ों लोगों का उन पर भरोसा था. यादव ने कहा कि अभी नये नोट छप रहे हैं. सरकार को चाहिए कि 'नोट की कोई सीरीज बनाए, जिस पर आजादी के आंदोलन में भूमिका निभाने वाली महान हस्तियों के चित्र अंकित हों.'

(इनपुट - भाषा)

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