ये है 24 साल की दीप्ति सरना की किडनैपिंग का पूरा घटनाक्रम
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ये है 24 साल की दीप्ति सरना की किडनैपिंग का पूरा घटनाक्रम

कविनगर निवासी 24 साल की स्नैपडील की कर्मचारी दीप्ति सरना गायब होने के करीब 36 घंटों बाद सही सलामत परिवार तक पहुंच गईं हैं। शुक्रवार सुबह दीप्ति ने अपने परिवार को खुद फोन कर अपने सुरक्षित होने की जानकारी दी। अब तक मिल रही जानकारी के मुताबिक दो दिन पहले दीप्ति को वैशाली मेट्रो स्टेशन से घर जाते वक्त शेयरिंग ऑटो से अगवा कर लिया गया था।

ये है 24 साल की दीप्ति सरना की किडनैपिंग का पूरा घटनाक्रम

गाज़ियाबाद : कविनगर निवासी 24 साल की स्नैपडील की कर्मचारी दीप्ति सरना गायब होने के करीब 36 घंटों बाद सही सलामत परिवार तक पहुंच गईं हैं। शुक्रवार सुबह दीप्ति ने अपने परिवार को खुद फोन कर अपने सुरक्षित होने की जानकारी दी। अब तक मिल रही जानकारी के मुताबिक दो दिन पहले दीप्ति को वैशाली मेट्रो स्टेशन से घर जाते वक्त शेयरिंग ऑटो से अगवा कर लिया गया था।

शारीरिक नुकसान पहुंचाने का इरादा नहीं था

गाज़ियाबाद एसएसपी धर्मेंद्र सिंह के मुताबिक आरोपी निरक्षर और स्थानीय गुंडे थे, जो दीप्ति सरना को ढूंढने के लिये चले व्यापक मीडिया कवरेज और 200 लोगों के खोजी दल से डर गये। उन्होंने बताया- 'अगवा करने वाले दीप्ति को शारीरिक नुकसान नहीं पहुंचाना चाहते थे। उसे कुछ देर आराम करने दिया गया। पूछताछ जारी है और हम चारों आरोपियों का स्कैच बना रहे हैं।'

चाकू की नोक पर उतार दिया महिला सहयात्री को

ई-कॉमर्स कंपनी स्नैपडील के कानूनी विभाग में एक्जीक्यूटिव के पद पर कार्यरत दीप्ति सरना बुधवार की शाम को 7.40 बजे वैशाली मेट्रो स्टेशन से शेयरिंग ऑटो में सवार हुई थी। ऑटो में दीप्ति के अलावा एक महिला यात्री और थी। युवकों ने मोहन नगर के करीब जाकर ऑटो रोक दिया गया और अन्य सवारियों पर गाज़ियाबाद बस स्टैंड के लिये दूसरे ऑटो में बैठने के लिये दबाव बनाया। थोड़ी ही देर बाद हिंडन नदी के पास दूसरी महिला यात्री को चाकू की नोक पर उतरने के लिये कहा गया।

दीप्ति ने कहा- पापा बचा लो

इसके बाद ऑटो को गलत रास्ते पर जाते देख दीप्ति ने फोन पर बात करते हुए अपने पिता से कहा था- 'ऑटो गलत रास्ते पर जा रहा है, पापा बचा लो।' इसके बाद एक युवक ने दीप्ति का बैग और मोबाइल छिन लिया। इसके बाद ऑटो को राज नगर एक्सटेंशन में एक निर्जन स्थान पर ले जाया गया। इसके बाद पुलिस और मीडिया के अभियानों के चलते अगवा करने वालों पर दबाव बढ़ा जिसके चलते वे किसी एक जगह पर पूरी रात नहीं रूक सके।

10 किलोमीटर पैदल भी चली दीप्ति

प्राप्त जानकारी के मुताबिक- 'उन्होंने दीप्ति के साथ पूरी रात सफर किया। इस दौरान कभी बाइक तो कभी कार का इस्तेमाल किया। साथ ही करीब 10 किलोमीटर उन्होंने दीप्ति को पैदल भी चलाया। फिर अलसुबह युवक उसे उपनगरीय रेलवे स्टेशन ले गया, जहां से वो दिल्ली जाने वाली ट्रेन में सवार हो हुई, युवकों ने उसे कुछ पैसे भी दिये। करीब 3-4 स्टेशन निकलने के बाद दीप्ति ने नरेला स्टेशन को पहचाना और एक सहयात्री से मोबाइल फोन लेकर परिजनों से बात की।

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