कर्ण सिंह ने लिखा CM योगी को पत्र, कहा- 'भगवान राम के साथ लगाएं मां सीता की मूर्ति'
Advertisement

कर्ण सिंह ने लिखा CM योगी को पत्र, कहा- 'भगवान राम के साथ लगाएं मां सीता की मूर्ति'

यूपी सरकार भगवान राम की जन्मस्थली अयोध्या में पुरुषोत्तम श्रीराम की 151 फीट या उससे अधिक ऊंची प्रतिमा लगाने की तैयारी हो रही है. इसी तरह मिथिला में जन्मी सीताजी की मूर्ति राम के साथ लगवाए जाने की जरूरत है.

पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता डॉ. कर्ण सिंह का फाइल फोटो.

नई दिल्ली: अयोध्या में योगी सरकार द्वारा राम मूर्ति की प्रतिमा के साथ मां सीता की भी मूर्ति लगाने को लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता डॉ. कर्ण सिंह ने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर अनुरोध किया है. कांग्रेस नेता ने लिखा है कि अगर अयोध्या में श्री राम की भव्य मूर्ति बनाने का निर्णय ले ही लिया है, तो मेरा सुझाव है कि उसकी ऊंचाई आधा करके राम और सीता दोनों की युगल प्रतिमा बनाई जाए. इसके जरिए कम से कम हजारों साल बाद तो सीता को अयोध्या में अपना उचित स्थान मिल जाएगा.

fallback

आपको बता दें कि भगवान राम की जन्मस्थली अयोध्या में पुरुषोत्तम श्रीराम की 151 फीट या उससे अधिक ऊंची प्रतिमा लगाने की तैयारी हो रही है. इसी तरह मिथिला में जन्मी सीताजी की मूर्ति राम के साथ लगवाए जाने की जरूरत है. बुधवार (13 दिसंबर) को ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जनकपुर में राम-सीता विवाह के कार्यक्रम में शामिल हुए थे, जिसके बाद कर्ण सिंह का यह पत्र सामने आया है.

पत्र में कर्ण सिंह ने कहा है कि भले ही राम की प्रतिमा की ऊंचाई घटा दी जाए, लेकिन उनकी प्रतिमा के साथ माता-सीता की भी मूर्ति लगाई जानी चाहिए. क्योंकि भगवान श्रीराम से ज्यादा कष्ट माता-सीता ने झेला है. साथ ही वह अयोध्या की बहू रहीं. वनवास के दौरान रावण ने उनका अपहरण किया. लंका विजय के बाद उन्हें अग्नि परीक्षा देनी पड़ी. अयोध्या की महारानी बनने के बाद गर्भावस्था में उन्हें फिर से वनवास जाना पड़ा. लिहाजा अब भगवान श्रीराम के साथ सीता की प्रतिमा भी लगनी चाहिए.

पत्र में डॉ. कर्ण सिंह ने लिखा है, 'पिछले दिनों मुझे सिमरिया जाने का मौका मिला जहां मुरारी बापू की कथा चल रही थो. इस दौरान मैंने जो भाषण दिया उसे ही पत्र में लिख रहा हूं. राजा जनक की भूमि मिथिला सीता माता की भूमि मानी जाती है. उनका विवाह श्रीराम के साथ संपन्न हुआ, लेकिन नियति देखिए सीता अयोध्या बहू बनकर गईं लेकिन कुछ ही दिन बाद राम के साथ उन्हें वनवास जाना पड़ा, जहां उनका अपहरण हुआ. वह बंदी बनकर रहीं, युद्ध हुआ और अग्नि परीक्षा के बाद फिर अयोध्या की महारानी बनकर पहुंची. लेकिन गर्भवती होने के बाद भी उन्हें फिर एक बार वनवास झेलना पड़ा.'

Trending news