बीजेपी नहीं चाहती है कि राज्यसभा से इस्तीफा दे चुकीं मायावती अब लोकसभा में चुनकर आ सके.
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नई दिल्ली: केशव प्रसाद मौर्य उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम का पद छोड़ सकते हैं. उनको केंद्र सरकार में मंत्री पद दिया जा सकता है. मीडिया की खबरों के मुताबिक इस बदलाव के पीछे दो वजह हैं. पहली उत्तर प्रदेश में सरकार में शीर्ष स्तर पर टकराव शुरू हो गया है. उन्हें केंद्र सरकार में लाने की दूसरी वजह यह है कि बीजेपी नहीं चाहती कि मायावती लोकसभा के लिए चुनी जाए.
दरअसल मायावती राज्यसभा से इस्तीफा दे चुकी है. हालांकि उन्होंने अभी तक कोई ऐलान नहीं किया है लेकिन ऐसी चर्चा है कि वह फूलपुर से चुनाव लड़ सकती है. वहीं दूसरी तरफ अगर मौर्य यूपी सरकार में बने रहे हैं तो नियमों के मुताबिक 6 महीनों के भीतर उनको अपनी लोकसभा सीट से इस्तीफा देना होगा. बता दें मौर्य फूलपुर सीट से सांसद हैं.
बीएसपी के लिए बड़ा मौका बन सकता है उपचुनाव
हालांकि फूलपुर सीट 2014 के लोकसभा चुनाव में मौर्य ने तीन लाख से भी ज्यादा के अंतर से जीती थी इसके बावजूद यह सीट बीएसपी के लिए सुरक्षित मानी जा रही है. 2009 में इस सीट से कपिल मुनि करवरिया ने जीती थी. यह उपचुनाव बीएपपी के लिए एक बड़ा मौका हो सकता है कि दलित मतदाताओं को अपनी तरफ खींचने का जिन्होंने सहारनपुर दंगों के बाद पार्टी से दूरी बना ली थी.
मायावती ने दिया राज्यसभा से इस्तीफा
बता दें कि मायावती ने राज्यसभा ये यह आरोप लगाते हुए इस्तीफा दे दिया था कि उन्हें संसद में दलितों का मुद्दा नहीं उठाने दिया जा रहा. मायावती के इस कदम को उनकी बड़ी रणनीती का हिस्सा माना जा रहा है जिसके तहत वह फिर से अक्रामक रुख अपना कर दलितों की सबसे बड़ी चेहते के तौर पर उभरना चाहती हैं. इससे भी ज्यादा खतरे की बात यह है कि विपक्ष की एकता की जड़े पनपने लगी है और फूलपुर उपचुनाव में मायावती को विपक्ष का सुंयक्त उम्मीदवार बनाने के लिए कोशिशें शुरू हो गई हैं.