श्रीकृष्ण जन्माष्टमी: मथुरा में कड़ी सुरक्षा के बीच जन्म लेंगे कन्हाई
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श्रीकृष्ण जन्माष्टमी: मथुरा में कड़ी सुरक्षा के बीच जन्म लेंगे कन्हाई

श्री कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर उत्तर प्रदेश के तीन अतिसंवेदनशील धर्मस्थलों में से एक श्रीकृष्ण जन्मस्थान परिसर सहित पूरे शहर को तीन जोन एवं 14 सेक्टर में बांटकर बेहद कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। आगरा व कानपुर जोन के कई जनपदों से आए तकरीबन 3000 से अधिक सुरक्षाकर्मियों एवं अधिकारियों को श्रीकृष्‍ण जन्मस्थान परिसर में ड्यूटी पर पूरी तरह से मुस्तैद रहने की ताकीद की गई है।

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी: मथुरा में कड़ी सुरक्षा के बीच जन्म लेंगे कन्हाई

मथुरा : श्री कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर उत्तर प्रदेश के तीन अतिसंवेदनशील धर्मस्थलों में से एक श्रीकृष्ण जन्मस्थान परिसर सहित पूरे शहर को तीन जोन एवं 14 सेक्टर में बांटकर बेहद कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। आगरा व कानपुर जोन के कई जनपदों से आए तकरीबन 3000 से अधिक सुरक्षाकर्मियों एवं अधिकारियों को श्रीकृष्‍ण जन्मस्थान परिसर में ड्यूटी पर पूरी तरह से मुस्तैद रहने की ताकीद की गई है।

मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मस्थान परिसर, ठाकुर द्वारिकाधीश मंदिर, वृन्दावन में ठा. बांकेबिहारी मंदिर, इस्कॉन के द्घष्ण-बलराम मंदिर एवं प्रेम मंदिर, गोवर्धन के दानघाटी मंदिर, बरसाना व नन्दगांव के मंदिरों सहित तेलशोधक कारखाने की भी विशेष चौकसी की जा रही है। गत साल की भांति ही इस वर्ष भी कृष्ण जन्माष्टमी के आयोजनों का केंद्र बनने वाले श्रीकृष्ण जन्मस्थान स्थित मंदिरों के दर्शन के लिए प्रवेश की व्यवस्था मुख्य द्वार से न होकर गोविंद नगर वाले उत्तरी द्वार से होगी तथा निकासी मुख्य द्वार से होगी।

आने वाले दर्शनार्थियों से अपील की गई है कि वे अपने साथ किसी भी प्रकार का इलैक्ट्रॉनिक गैजेट, उपकरण, मोबाइल, कैमरा, आदि कोई भी आपत्तिजनक वस्तु साथ न लेकर आएं। श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के सचिव कपिल शर्मा ने बताया, ‘दुनिया भर के आकर्षण का केंद्र बनने वाले श्रीद्घष्ण जन्मस्थान के भागवत भवन में ठाकुरजी का महाभिषेक गुरुवार रात्रि 12.15 से 12.30 तक चलेगा। तदुपरांत 12.40 से 12.50 तक श्रृंगार आरती के दर्शन होंगे। जन्म के दर्शन रात्रि डेढ़ बजे तक खुले रहेंगे।’ इससे पूर्व रात्रि 11 बजे से मध्य रात्रि तक गणेश पूजन एवं नवग्रह पूजन होगा। 12 बजते ही भगवान के प्राकट्य के साथ संपूर्ण मंदिर परिसर में ढोल-नगाड़े, झांझ-मजीरे बज उठेंगे और मृदंग की थाप पर हरिबोल संकीर्तन प्रारंभ हो जाएगा। इसी बीच महाआरती प्रारंभ हो जाएगी जो 10 मिनट तक चलेगी।

संस्थान के सदस्य गोपेश्वर नाथ चतुर्वेदी ने बताया कि संस्थान की ओर से पांच टन लड्डुओं का भोग लगाया जाएगा जो निकास द्वार के दोनों सिरों पर सांयकाल से दर्शन खुले रहने तक लगातार वितरित किया जाएगा। इसी प्रकार, ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में साल में एक ही दिन होने वाली मंगला आरती में इस बार 101 थाल में सजाकर छप्पन व्यंजन भोग में परोसे जाएंगे। जन्मोत्सव की मंगला आरती के सेवाधिकारी बालकृष्ण गोस्वामी ने बताया कि इस वर्ष ठाकुरजी को पूर्व की भांति ही मंगला आरती के मौके पर छप्पन व्यंजनों का भोग लगाया जाएगा, जैसाकि तीन दशक पूर्व तक लगाया जाता रहा था।

 

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