इनके पास से लूट के 6 लाख रुपये , 5 तमंचें , समेत 1 चोरी की वैगन आर गाड़ी बरामद हुई है .
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राहुल मिश्रा, नोएडाः सफर के दौरान जब आप किसी भी हाईवे से गुजर रहे होते हैं तो अमूमन आपने देखा होगा कि सड़कों के किनारे टैंट लगा कर कुछ लोग सभी बीमारियों का सस्ते में इलाज करने का दावा करते हुए नजर आएंगे . जब आप इन्हें गौर से देखेंगे तो इनका पूरा परिवार भी जिसमे महिलाएं व बच्चे भी शामिल होंगे आपको नजर आ जाएंगे . लेकिन दिल्ली से सटे नोएडा में एक ऐसे गैंग का खुलासा हुआ है जो सड़क के किनारे ऐसे ही रहकर आस पास के इलाके में रैकी कर लूट और डकैती जैसी घटनाओं को अंजाम दिया करते थे .
यदि आप अपने आस पास के इलाके में तम्बू लगा कर देशी इलाज करने का दावा करते नजर आएं तो सावधान हो जाइये हो सकता है इनके भेश में शातिर डकैत भी हो सकते हैं जो कि आपका यहां किसी वारदात को अंजाम देने का मौका तलाश रहे हों . तस्वीरों में पुलिस की गिरफ्त दिखने वाले ये लोग ऐसे ही शातिर डकैत हैं जिन्हें पुलिस ने मुठभेड़ के दौरान गिरफ्तार किया है . वही पुलिस अधिकारियों का कहना है कि नोएडा में अपराधियों के विरुद्ध चलाये जा रहे ऑपरेशन ब्लैक आई के तहत देर रात चैकिंग के दौरान मुखबिर की सूचना पर नोएडा के सेक्टर 27 से मुठभेड़ के दौरान 5 शातिर डकैतों को गिरफ्तार किया है . इनके पास से लूट के 6 लाख रुपये , 5 तमंचें , समेत 1 चोरी की वैगन आर गाड़ी बरामद हुई है .
इन पर गाजियाबाद , नोएडा , मेरठ समेत हरिद्वार उत्तराखंड में लूट और डकैती के दर्जनों मुकदमे दर्ज हैं . अधिकारियों का कहना है कि ये लोग बहेलिया जाति के हैं और मूल रूप से अमरोहा और बिजनौर के रहने वाले हैं . ये लोग अनपढ़ होते हैं और पूरे देश भर ऐसे ही घूम घूम कर वारदातों को अंजाम दिया करते हैं . ये ऐसे ही सड़कों के किनारे तम्बू लगा कर रहतें हैं . इनके गैंग में महिलाएं और बच्चे भी शामिल होते हैं जो कि आस पास के इलाके में इनके लिए रेकी करते हैं . ये लोग कभी भी एक ही जगह 15-20 दिन से ज्यादा नहीं रहते हैं . किसी को इनपर शक न हो इसलिए ये देशी उपचार करने का प्रचार करते हैं .
नोएडा के एसएसपी डॉ अजयपाल शर्मा का कहना है कि इस कार्यवाही के बाद नोएडा के कई इलाकों में जो ऐसे तम्बू लगा कर रहा करते थे वो शहर छोड़ कर जा चुके हैं . लेकिन बड़ा सवाल ये खड़ा होता है कि अभी तक नोएडा पुलिस कहां सोई हुई थी . सड़क के किनारे रहने वाले ऐसे लोगों की कभी भी जांच पड़ताल क्यों नहीं की गई ...? इलाके की पुलिस ने कभी इनका सत्यापन कराने की जहमत क्यों नहीं उठाई ..?