नर्स पर आरोप है कि उसे प्रसूता को सिर्फ इसलिए स्वास्थ्य केंद्र से भगा दिया, क्योंकि उसके पास रिश्वत देने के पैसे नहीं थे.
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नई दिल्ली/बहराइच: उत्तर प्रदेश के हेल्थ सिस्टम की बदहाली किसी से छुपी नहीं है. सरकारी अस्पताल में मरीजों और तीमारदारों के साथ अमानवीय व्यवहार की घटनाएं तो अब आम बात हो गई है. लेकिन, सोमवार (03 सितंबर) को बहराइच में जो हुआ, उसने एक बार फिर से ये सोचने पर मजबूर कर दिया कि आखिर यही वो लोग हैं, जिन्हें धरती पर भगवान कहा जाता है. दरअसल, बहराइच के विशेश्वरगंज सीएचसी की महिला नर्स पर आरोप है कि उसने प्रसव के लिए आई महिला को स्वास्थ्य केंद्र से भगा दिया, जिसके बाद स्वास्थ्य केंद्र परिसर में ही खड़े-खड़े सड़क पर महिला ने बच्चे को जन्म दिया, जमीन पर गिरने से बच्चे की मौत हो गई.
नर्स पर आरोप है कि उसे प्रसूता को सिर्फ इसलिए स्वास्थ्य केंद्र से भगा दिया, क्योंकि उसके पास रिश्वत देने के पैसे नहीं थे. नर्स के मना करने के बाद दर्द से कराह रही महिला को देखकर वहां मौजूद महिलाओं ने चादर डालकर खुले में प्रसव कराया. इस दौरान जमीन पर बच्चा गिरने से उसकी मौके पर ही मौत हो गई.
घटना से दुखी आस-पड़ोस के लोगों के साथ पीड़ित परिजनों ने मौके पर नवजात के शव को रखकर प्रदर्शन किया. प्रदर्शन की जानकारी मिलते ही एसडीएम मौके पर पहुंचे और जिम्मेदार डॉक्टर और स्टाफ के खिलाफ जांच की बात कही. एसडीएम के आश्वासन के बाद परिजनों ने हंगामा खत्म किया. फिलहाल, पुलिस ने पीड़ित की शिकायत पर स्फाट नर्स के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है.