मंदिर की ओर से गोमांस की घोषणा किये जाने के बाद हुई अखलाक की पीट-पीटकर हत्या: पुलिस
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मंदिर की ओर से गोमांस की घोषणा किये जाने के बाद हुई अखलाक की पीट-पीटकर हत्या: पुलिस

दादरी में एक व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या किए जाने की घटना की जांच कर रही पुलिस का कहना है कि यह घटना स्थानीय मंदिर द्वारा इस बात की घोषणा किए जाने के बाद हुई कि पीड़ित परिवार गोमांस का सेवन कर रहा है। पुलिस ने कहा कि पुरोहित और दो युवक मामले में ‘बड़ी कड़ी’ हैं। पुजारी ने दावा किया कि उसे घोषणा करने के लिए बाध्य किया गया जिसके बाद भीड़ ने इस अफवाह पर भारतीय वायुसेना के एक अधिकारी के पिता मोहम्मद इखलाक की पीट पीटकर हत्या कर दी कि उसके परिवार ने गोमांस का सेवन किया है और उसे घर में रखा है।

ग्रेटर नोएडा : दादरी में एक व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या किए जाने की घटना की जांच कर रही पुलिस का कहना है कि यह घटना स्थानीय मंदिर द्वारा इस बात की घोषणा किए जाने के बाद हुई कि पीड़ित परिवार गोमांस का सेवन कर रहा है। पुलिस ने कहा कि पुरोहित और दो युवक मामले में ‘बड़ी कड़ी’ हैं। पुजारी ने दावा किया कि उसे घोषणा करने के लिए बाध्य किया गया जिसके बाद भीड़ ने इस अफवाह पर भारतीय वायुसेना के एक अधिकारी के पिता मोहम्मद इखलाक की पीट पीटकर हत्या कर दी कि उसके परिवार ने गोमांस का सेवन किया है और उसे घर में रखा है।

पुलिस ने बताया कि युवकों ने मंदिर के पुरोहित को मजबूर किया था कि वह घोषणा करे। इसके बाद हमला हुआ। पुलिस ने दावा किया कि इस सिलसिले में दर्ज प्राथमिकी में गोमांस का कोई उल्लेख नहीं है। उसने कहा कि हमलावरों ने सिर्फ गो हत्या का आरोप लगाया था। पुजारी ने कहा, ‘कुछ बच्चों ने माइक लगाया और मैंने कहा कि देखो भाई- किसी ने एक गाय का वध किया है। आप लोग वहां जमा हों। मैंने बस इतना ही कहा।’ एक सवाल के जवाब में पुजारी ने कहा, ‘मैंने वह कहा नहीं था बल्कि मुझे कहने के लिए मजबूर किया गया था।’ पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) संजय सिंह ने कहा, ‘पुरोहित और दो युवक जिन्होंने गोमांस संबंधी अफवाह की घोषणा करने के लिए उन्हें मजबूर किया वो बड़ी कड़ी हैं। आगे की जांच में ठीक-ठीक घटनाक्रम का पता चलेगा कि कैसे ये सब हुआ।’ 

जिलाधिकारी एन पी सिंह ने कहा कि मजिस्ट्रेट जांच शुरू हो गई है। पुलिस ने कहा कि इस संबंध में दर्ज प्राथमिकी में गोमांस का कोई उल्लेख नहीं है। पुलिस ने दावा किया कि गोवध केवल एक आरोप था जो हमलावरों द्वारा लगाया गया था। एक अधिकारी ने कहा, ‘प्राथमिकी में आईपीसी की धारा 147 (दंगा के लिए दंड), धारा 148 (दंगा, खतरनाक हथियारों से लैस), धारा 149(  गैर कानूनी सभा), धारा 302 (हत्या) , धारा 307 (हत्या का प्रयास), धारा 458 (घर में अनधिकार प्रवेश), धारा 504 (शांति भंग करने की मंशा से जानबूझकर अपमानित करना )शामिल है।’ 

प्राथमिकी में 10 लोगों को आरोपी के तौर पर नामजद किया गया है जबकि 100 से अधिक अज्ञात लोगों का भी जिक्र है। प्राथमिकी पीड़ित परिवार की शिकायत के आधार पर दर्ज की गई थी। सात आरोपियों को कल गिरफ्तार किया गया था। जिलाधिकारी ने कहा, ‘बिसरख में स्थिति नियंत्रण में है और मजिस्ट्रेटी जांच शुरू कर दी गई है और शांति समितियां साम्प्रदायिक सौहार्द बनाये रखने का प्रयास कर रही हैं।’  पुलिस अधीक्षक ने कहा कि पुलिस ने व्यक्तिगत शत्रुता के पहलू से इंकार किया है। उन्होंने कहा, ‘‘शुरूआती जांच में इस संभावना से इंकार किया गया है।’

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